राज्यपाल के निर्देश में संशोधन को लेकर सरयू राय सक्रिय, विद्यार्थियों के भविष्य की चिंता राज्य सरकार को करना चाहिए पहल, ताकि 12वीं के विद्यार्थी प्रभावित न हों : सरयू राय

न्यूज़ लहर संवाददाता
जमशेदपुर। नई शिक्षा नीति के तहत इंटरमीडिएट शिक्षा को महाविद्यालयों से अलग करने संबंधी राजभवन के निर्देश से झारखंड के हजारों 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों का भविष्य संकट में पड़ गया है। इसी मुद्दे पर समाधान तलाशने के लिए जमशेदपुर पश्चिम के विधायक सरयू राय की पहल पर शुक्रवार को बिष्टुपुर स्थित उनके कार्यालय में अंगीभूत महाविद्यालयों के प्राचार्यों और शिक्षकों की बैठक हुई।
बैठक में निर्णय लिया गया कि राज्य सरकार को पहल कर राज्यपाल सचिवालय के आदेश में संशोधन कराना चाहिए, ताकि इस वर्ष 12वीं की परीक्षा देने वाले विद्यार्थी प्रभावित न हों। सभी प्राचार्यों ने इस पर सहमति जताई कि जिन विद्यार्थियों का पंजीयन JACK बोर्ड में हो चुका है, उन्हें महाविद्यालयों से बाहर करना उचित नहीं होगा। विधायक राय ने बैठक के दौरान उच्च शिक्षा मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू, मंत्री दीपिका पांडेय सिंह, उच्च शिक्षा सचिव राहुल पुरवार, स्कूली शिक्षा सचिव उमाशंकर सिंह और राज्यपाल के प्रधान सचिव नितिन मदन कुलकर्णी से फोन पर बात की। अधिकारियों ने राय के प्रस्ताव पर सहमति जताते हुए कहा कि राज्य सरकार राजभवन को आग्रह पत्र भेजे ताकि 12वीं के विद्यार्थियों को निर्देश से बाहर रखा जा सके।
बैठक में डॉ. अमर सिंह (प्राचार्य, को-ऑपरेटिव कॉलेज), डॉ. एस.पी. महालिक (प्राचार्य, वर्कर्स कॉलेज), डॉ. विजय कुमार पीयूष (प्राचार्य, एबीएम कॉलेज), डॉ. वीणा प्रियदर्शिनी (प्राचार्य, ग्रेजुएट कॉलेज), डॉ. छगन अग्रवाल (इंटरमीडिएट इंचार्ज, महिला विश्वविद्यालय), डॉ. भूषण कुमार सिंह, डॉ. मनोज कुमार साव, डॉ. अर्चना सिन्हा, डॉ. सुशांत कुमार, प्रो. प्रतिभा रानी मिश्रा, कर्मचारी नेता नीतीश कुमार, डॉ. अरुंधति डे, विधायक प्रतिनिधि एस.पी. सिंह व पवन कुमार सिंह उपस्थित थे। राय ने उम्मीद जताई कि राज्यपाल का आदेश विद्यार्थियों के हित में संशोधित होगा।