डायबिटिक न्यूरोपैथी पर राष्ट्रीय कार्यशाला और सीएमई का आयोजन, चिकित्सकों और छात्रों को मिला व्यावहारिक प्रशिक्षण

न्यूज़ लहर संवाददाता
जमशेदपुर। मणिपाल टाटा मेडिकल कॉलेज (एमटीएमसी), जमशेदपुर के शरीर क्रिया विज्ञान विभाग द्वारा शनिवार को “डायबिटिक न्यूरोपैथी: प्रारंभिक निदान में ऑटोनॉमिक फंक्शन टेस्ट की भूमिका” विषय पर राष्ट्रीय सीएमई एवं कार्यशाला का सफल आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम अकादमिक संवाद और व्यावहारिक प्रशिक्षण के लिए एक उत्कृष्ट मंच साबित हुआ, जिसमें देश-विदेश से प्रतिष्ठित संकाय सदस्य, चिकित्सक, शोधकर्ता और छात्र शामिल हुए।
कार्यशाला में दो प्रमुख हैंड्स-ऑन प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए गए। डॉ. शिवल श्रीवास्तव (एसोसिएट प्रोफेसर, फिजियोलॉजी विभाग, एम्स जोधपुर) ने ऑटोनॉमिक फंक्शन असेसमेंट पर प्रशिक्षण दिया, जबकि डॉ. मितेश सिन्हा (प्रोफेसर, फिजियोलॉजी विभाग, बिरसा मुंडा शासकीय मेडिकल कॉलेज, शहडोल, मध्यप्रदेश) ने नर्व कंडक्शन टेस्ट का प्रशिक्षण प्रदान किया।
कार्यक्रम के वैज्ञानिक व्याख्यान सत्र में डॉ. अशोक जार्याल (प्रोफेसर, एम्स दिल्ली), डॉ. मधुमिता सेन (असिस्टेंट प्रोफेसर, AIMST यूनिवर्सिटी, मलेशिया), डॉ. शिवल श्रीवास्तव और डॉ. राजेश कुमार ठाकुर (एचओडी, मेडिसिन विभाग, टाटा मोटर्स अस्पताल, जमशेदपुर) ने डायबिटिक ऑटोनॉमिक न्यूरोपैथी के निदान और समग्र उपचार दृष्टिकोण पर अपने विचार साझा किए।
कार्यक्रम में “न्यूरो-क्वेस्ट: द ऑटोनॉमिक चैलेंज” क्रॉसवर्ड प्रतियोगिता भी आयोजित की गई, जिसमें एमबीबीएस फेज-I के छात्रों ने भाग लिया। समापन समारोह में विजेताओं को सम्मानित किया गया और सभी प्रतिभागियों तथा आयोजन समिति को धन्यवाद ज्ञापित किया गया।
इस अवसर पर डीन इंचार्ज, एसोसिएट डीन, डायरेक्टर – एकेडमिक एडमिनिस्ट्रेशन, शरीर क्रिया विज्ञान विभागाध्यक्ष सहित आयोजन समिति के सदस्य उपस्थित रहे। कार्यक्रम में 80 ऑफलाइन और 300 से अधिक ऑनलाइन प्रतिभागियों ने पंजीकरण किया।
प्रायोजक: एडी इंस्ट्रूमेंट्स (दिल्ली), जेपी ब्रदर्स (कोलकाता), बिपनी कलामंदिर (जमशेदपुर), आरएमएस इंस्ट्रूमेंट्स (रांची) रहे।