महान राष्ट्रभक्त डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर श्रद्धांजलि सभा, कार्यकर्ताओं ने लिया उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प हेमन्त कुमार केशरी बोले – डॉ. मुखर्जी के विचार आज भी प्रासंगिक, धारा 370 हटाकर मोदी सरकार ने दी सच्ची श्रद्धांजलि

चाईबासा: भारतीय जनता पार्टी पिछड़ा जाति मोर्चा, झारखंड प्रदेश के प्रदेश मंत्री हेमन्त कुमार केशरी ने आज 26 जुलाई को महान शिक्षाविद, राष्ट्रवादी नेता और भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि डॉ. मुखर्जी का जीवन भारत माता के लिए समर्पण, बलिदान और राष्ट्रहित के अद्वितीय उदाहरणों से भरा है।
हेमन्त कुमार केशरी ने बताया कि डॉ. मुखर्जी का जन्म 26 जुलाई 1901 को कलकत्ता (अब कोलकाता) में हुआ था। मात्र 23 वर्ष की आयु में उन्होंने एम.ए. की उपाधि प्राप्त की और 24 वर्ष की उम्र में एल.एल.बी. की परीक्षा पास की। 1930 में वे बंगाल विधान परिषद के सदस्य बने और 1934 से 1938 तक विश्व के सबसे कम उम्र के कुलपति के रूप में कोलकाता विश्वविद्यालय का नेतृत्व किया।
1944 में वे हिन्दू महासभा के अध्यक्ष बने और 1947 में स्वतंत्र भारत की अंतरिम सरकार में उद्योग और आपूर्ति मंत्री के रूप में कार्य किया। लेकिन नेहरू सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर में लागू की गई “परमिट व्यवस्था” और अलग विधान-प्रणाली का उन्होंने पुरजोर विरोध किया। उनका स्पष्ट मत था – “एक देश में दो विधान, दो प्रधान, दो निशान नहीं चलेंगे।”
1951 में उन्होंने भारतीय जनसंघ की स्थापना की, जो आगे चलकर भारतीय जनता पार्टी के रूप में विकसित हुई। 1953 में उन्होंने धारा 370 और जम्मू-कश्मीर की विशेष स्थिति के विरोध में आंदोलन किया और बिना परमिट जम्मू-कश्मीर में प्रवेश करने पर उन्हें गिरफ्तार किया गया। रहस्यमयी परिस्थितियों में 23 जून 1953 को उनकी जेल में मृत्यु हो गई।
प्रदेश मंत्री हेमन्त कुमार केशरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 को समाप्त कर डॉ. मुखर्जी के सपनों को साकार किया है। यह डॉ. मुखर्जी को सच्ची श्रद्धांजलि है।
जयंती कार्यक्रम के अवसर पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने डॉ. मुखर्जी के विचारों और आदर्शों को आत्मसात करने तथा उनके दिखाए मार्ग पर चलकर राष्ट्र सेवा का संकल्प लिया।