चाईबासा के सदर अस्पताल परिसर में डीईआईसी भवन एक वर्ष से खंडहर, बाल स्वास्थ्य मिशन बनी नाकारा निर्माण राज्य सरकार की उदासीनता से राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य योजना का मज़ाक होने का आरोप

चाईबासा: केंद्र सरकार के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के अंतर्गत ग्रामीण बच्चों के मुफ्त इलाज हेतु राज्य में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (RBSK) के तहत चाईबासा सदर अस्पताल परिसर में 3.10 करोड़ रुपये की लागत से बनाए गए डिस्ट्रिक्ट अर्ली इंटरवेंशन सेंटर (DEIC) के भवन का निर्माण कार्य लगभग एक वर्ष पूर्व ही पूर्ण हो चुका है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसका शिलान्यास 14 अक्टूबर 2022 को किया था। लेकिन केंद्र और बच्चों की रक्षा के उद्देश्य से किए गए इस भवन को जिला स्वास्थ्य पदाधिकारी ने संचालित न करते हुए गोदाम बना रखा है, जिससे यह कार्यक्रम बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार, इस सेंटर को तैयार किए जाने का मकसद था कि 0‑6 वर्ष के बच्चों की कुपोषण, विकलांगता समेत 38 विशेष बीमारियों का समयबद्ध पता लगाकर उनका उपचार किया जाए। साथ ही यदि इसके अंतर्गत संभव न हो, तो बच्चों को उच्च चिकित्सा संस्थानों में भेजा जाए, जिसका खर्च राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा वहन किया जाना था। लेकिन अब तक भवन को विभागीय उदासीनता के चलते संचालित नहीं किया गया।
भाजपा पिछड़ा जाति मोर्चा के प्रदेश मंत्री हेमंत कुमार केशरी ने इस मामले में राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, चाईबासा में बने इस बहुउपयोगी केन्द्र को एक वर्ष से अधिक समय से गोदाम बनाकर रखा गया है। यह स्पष्ट रूप से राज्य सरकार की ग्रामीण बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति उदासीनता को दर्शाता है। हमें चिंता है कि केंद्र सरकार की इस जनउपयोगी योजना का उद्देशय कहीं खो न जाए।
उन्होंने मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री और संबंधित अधिकारियों से तत्काल DEIC भवन चालू करने की अपील की। वरना भारतीय जनता पार्टी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को पत्र जारी करके हस्तक्षेप लेने को बाध्य होगी।