उपायुक्त ने राजस्व, निबंधन और भूमि सुधार कार्यों की समीक्षा की, अतिक्रमण हटाने और म्यूटेशन आवेदन शीघ्र निष्पादन का निर्देश

न्यूज़ लहर संवाददाता
जमशेदपुर।पूर्वी सिंहभूम जिला समाहरणालय सभागार में उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी की अध्यक्षता में राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार से संबंधित कार्यों की समीक्षा बैठक आयोजित हुई। बैठक में म्यूटेशन, भूमि सीमांकन, सर्टिफिकेट केस, ऑनलाइन लगान, आरसीएमएस एंट्री, परिशोधन, भूमि विवाद समाधान दिवस, सीओ मुलाकात कार्यक्रम समेत अन्य विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई।
उपायुक्त ने सभी अंचल अधिकारियों को निर्देश दिया कि प्रत्येक म्यूटेशन आवेदन का निष्पादन 30 दिनों के भीतर सुनिश्चित करें। किसी भी आवेदन में 30 दिनों से अधिक समय लगने या अस्वीकृति की स्थिति में उचित कारण दर्ज करना अनिवार्य होगा ताकि पारदर्शिता बनी रहे और आवेदकों को संतोषजनक उत्तर मिले।
बैठक में बताया गया कि जनवरी 2025 से जुलाई 2025 तक जिले में कुल 7691 म्यूटेशन आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें 48 प्रतिशत का निष्पादन हो चुका है। 93 आवेदन 30 से 90 दिन और 8 आवेदन 90 से 180 दिनों से लंबित हैं। लगभग 32 प्रतिशत आवेदन दस्तावेजी त्रुटियों के कारण अस्वीकृत किए गए। उपायुक्त ने इस पर चिंता जताते हुए निर्देश दिया कि आवेदकों को सही दस्तावेजों और प्रक्रिया की स्पष्ट जानकारी दी जाए ताकि रिजेक्शन की संख्या कम हो सके।
सुओ-मोटो म्यूटेशन के तहत प्राप्त 4673 आवेदनों में 2228 का निष्पादन और 1475 का रिजेक्शन हुआ है। भूमि स्वामित्व परिशोधन पोर्टल पर प्राप्त 9624 आवेदनों में से 5471 मामलों का निष्पादन किया गया है और केवल 4 प्रतिशत आवेदन लंबित हैं। उपायुक्त ने स्पष्ट निर्देश दिया कि आवेदकों को उचित दस्तावेजीकरण के लिए मार्गदर्शन किया जाए और चेकलिस्ट साझा की जाए ताकि उन्हें अनावश्यक कार्यालय के चक्कर न लगाने पड़ें।
राजस्व वाद प्रबंधन प्रणाली (RCMS) की समीक्षा के दौरान उपायुक्त ने लंबित वादों की नियमित निगरानी और पोर्टल पर अद्यतन प्रविष्टि सुनिश्चित करने को कहा। भूमि सीमांकन के लंबित मामलों को भी प्राथमिकता के आधार पर शीघ्र निष्पादित करने के निर्देश दिए गए ताकि विवादों का समाधान हो सके।
ऑनलाइन लगान भुगतान की प्रगति पर चर्चा करते हुए उपायुक्त ने कहा कि अधिक से अधिक भू-स्वामियों को डिजिटल भुगतान हेतु प्रेरित करें और प्रणाली को पारदर्शी तथा जनहितकारी बनाएं। भूमि अधियाचना (Requisition of Land) से संबंधित विभिन्न विभागों के प्रस्तावों की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि सभी प्रस्तावों की विधिसम्मत जांच कर समयबद्ध कार्रवाई सुनिश्चित करें ताकि विकास योजनाओं के लिए आवश्यक भूमि समय पर उपलब्ध कराई जा सके।
बैठक में अपर उपायुक्त, अनुमंडल पदाधिकारी घाटशिला, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी, एलआरडीसी धालभूम, सब-रजिस्ट्रार, सभी अंचल अधिकारी और अन्य संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे।