गोद ली हुई बच्ची को बचाने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रही पिंकी, बोली – जन्म से ही मां ने त्याग दिया था, अब क्यों छीन रही है मेरी बेटी

न्यूज़ लहर संवाददाता
जमशेदपुर। सोनारी थाना क्षेत्र की रहने वाली पिंकी देवी अपनी गोद ली हुई बेटी को बचाने के लिए उपायुक्त कार्यालय के बाहर गुरुवार को रोती-बिलखती नजर आईं। उन्होंने अपने पति बाल कृष्ण के साथ उपायुक्त को ज्ञापन सौंप न्याय की गुहार लगाई। पिंकी का आरोप है कि उनकी छोटी बहन रश्मी सिंह अपनी बेटी को उनसे छीनने की कोशिश कर रही है, जबकि उस बच्ची का पालन-पोषण वह जन्म के दो माह बाद से ही कर रही हैं।
पिंकी देवी ने बताया कि साल 2019 में उनकी बहन रश्मी सिंह ने बेटी सान्वी राज को जन्म दिया था। लेकिन बच्ची के जन्म के तुरंत बाद से ही उसके पिता संजीत कुमार सिंह उसे स्वीकार नहीं कर रहे थे। बच्ची को गंदे कपड़ों पर बेसुध हालत में रखा जाता था, जिससे उसके शरीर पर घाव हो गए थे और वह कुपोषण का शिकार हो गई थी। पिंकी ने बताया कि उनकी बहन रो-रोकर उनसे गुहार लगाई थी कि वे इस बच्ची को अपने पास रख लें, नहीं तो उसका पति कभी भी उसे मार सकता है। परिवार की सहमति से पिंकी और उनके पति ने बच्ची को गोद ले लिया और तभी से उसे अपनी बेटी की तरह पाल रही हैं।
लेकिन पिंकी के मुताबिक, हाल ही में उनकी बहन और बहनोई ने कार खरीदने के लिए 10 लाख रुपये की मांग की। जब उन्होंने देने से इंकार कर दिया, तो दंपत्ति ने उन्हें धमकी दी और बच्ची को जबरन छीनने का षड्यंत्र रचा। पिंकी का आरोप है कि उनकी बहन ने कदमा थाना में झूठी शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद बीती रात बच्ची को जबरन रुपनगर के एक आश्रम में भेज दिया गया। इस घटना से पिंकी और उनके पति बेहद आहत हैं। पिंकी ने कहा – “जब वह दो महीने की थी, तब से मैंने उसे सीने से लगाया। अब वही बच्ची मुझसे छीन ली गई है। उसके बिना मैं एक पल भी नहीं रह सकती।”
पिंकी देवी ने बाल कल्याण समिति को भेजे स्पष्टीकरण पत्र में कहा है कि उनकी बहन का आरोप झूठा और दुर्भावनापूर्ण है। उन्होंने समिति को बच्ची के इलाज, पढ़ाई और पालन-पोषण से जुड़े दस्तावेज भी सौंपे। साथ ही बताया कि उनके बहनोई का आपराधिक इतिहास भी रहा है और वर्तमान में वे ठेले पर चाट-पापड़ी बेचकर परिवार चला रहे हैं। पिंकी का कहना है कि बच्ची ने भी उनके साथ जाने से मना कर दिया था, लेकिन इसके बावजूद बच्ची को जबरन ले जाया गया।
पिंकी देवी ने उपायुक्त और एसएसपी से न्याय की गुहार लगाते हुए कहा है कि बच्ची की मानसिक स्थिति को देखते हुए पूछताछ घर पर, उनकी मौजूदगी में की जाए। उन्होंने कहा – “मेरी बहन चाहे तो न्यायालय से आदेश ले सकती है, पर इस तरह मेरी बेटी को मुझसे अलग करना उसके जीवन के साथ खिलवाड़ है।”