गुरु पूर्णिमा पर राष्ट्रीय सनातन धर्मसभा ने किया कलश यात्रा, हवन व सामूहिक प्रार्थना का आयोजन चाईबासा के सिद्धेश्वर मंदिर परिसर में हुआ भव्य धार्मिक आयोजन, 250 महिलाओं ने लिया भाग

चाईबासा: गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर राष्ट्रीय सनातन धर्मसभा, चाईबासा की ओर से परंपरागत रूप से इस वर्ष भी भव्य कलश यात्रा, सामूहिक पूजा–हवन, अनुभव वितरण एवं सामूहिक प्रार्थना का आयोजन किया गया।
यह आयोजन स्थानीय सिद्धेश्वर मंदिर परिसर में सम्पन्न हुआ। आयोजन समिति के प्रमुख संजय कर्मकार ने जानकारी दी कि कार्यक्रम की शुरुआत सुबह रो-रो नदी में सामूहिक पूजा-अर्चना से हुई, जहां से महिलाओं और बच्चियों ने पवित्र जल कलश में भरकर यात्रा आरंभ की।
करीब 250 महिलाएं एवं बालिकाएं कलश लेकर करणी मंदिर से रवाना हुईं और चाईबासा के प्रमुख मार्गों से होते हुए सिद्धेश्वर मंदिर पहुंचीं। वहां पहुंचकर विधिवत सामूहिक पूजा और हवन किया गया। इसके पश्चात उपस्थित श्रद्धालुओं के बीच अनुभव (प्रसाद) का वितरण किया गया।
कार्यक्रम के अंत में सामूहिक प्रार्थना के माध्यम से विश्व शांति, धर्म रक्षा और समाज में समरसता के लिए कामना की गई।
संजय कर्मकार ने बताया कि राष्ट्रीय सनातन धर्मसभा की स्थापना 21 जून 2005 को गुरु पूर्णिमा के दिन हुई थी, और तब से प्रत्येक वर्ष इस दिन धार्मिक आयोजन होते आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि यह वर्ष महासभा का 20वां स्थापना वर्ष है, और यह सभी सनातन धर्म के अनुयायियों के लिए गर्व का विषय है।
उन्होंने कहा कि धर्मसभा का उद्देश्य सनातन धर्म को एकजुट रखना है, साथ ही समाज में व्याप्त ऊँच-नीच और भेदभाव को मिटाकर समानता और एकता की भावना को मजबूत करना है।
कर्मकार ने बताया कि वर्तमान में चाईबासा के अलावा 100 से अधिक गांव इस महासभा से जुड़ चुके हैं। उनका लक्ष्य है कि जब सभा 25वां वर्ष मनाए, तब तक यह संख्या 500 गांवों से अधिक हो।
उन्होंने यह भी जानकारी दी कि आज कलश यात्रा में शामिल सभी महिलाएं और बालिकाएं कलश को अपने घर ले जाएंगी और प्रत्येक बृहस्पतिवार को सामूहिक प्रार्थना व पूजा करेंगी।
इस सफल आयोजन में सीता देवी, आनंद शर्मा, राजू यादव, कामेश्वर विश्वकर्मा और सत्य प्रकाश पोद्दार सहित अन्य भक्तों का विशेष सहयोग रहा।
नगरवासियों और श्रद्धालुओं ने धर्मसभा की इस पहल की सराहना की और इसे सनातन संस्कृति को एकसूत्र में पिरोने वाला महत्वपूर्ण प्रयास बताया।