क्षेत्रीय भाषाओं के लिए भी शिक्षकों की हो नियुक्ति: झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा

चाईबासा: झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा की ओर से शुक्रवार को जिला अध्यक्ष करण महतो के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने पश्चिमी सिंहभूम उपायुक्त से मुलाकात की। बैठक में जिले की शिक्षा व्यवस्था, विशेषकर क्षेत्रीय भाषाओं में शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर गंभीर चिंता जताई गई।
करण महतो ने कहा कि मैट्रिक परीक्षा 2025 में पश्चिमी सिंहभूम का प्रदर्शन पूरे राज्य में सबसे नीचे (24वां स्थान) आना अत्यंत चिंताजनक और दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने इसके पीछे राज्य सरकार द्वारा शिक्षकों की नियुक्ति में हो रही देरी को मुख्य कारण बताया। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में छात्रों का भविष्य खतरे में पड़ता जा रहा है।
उन्होंने कहा कि उपायुक्त द्वारा डीएमएफटी (जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट) फंड से घंटी आधारित शिक्षकों की नियुक्ति एक सराहनीय प्रयास है, लेकिन इसमें क्षेत्रीय भाषाओं हो, संथाली, कुड़माली आदि के लिए शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की जा रही है, जो इन भाषाओं और बोलने वाले समुदायों के लिए चिंता का विषय है।
करण महतो ने मांग की कि इन भाषाओं की पढ़ाई के लिए भी अलग से प्रशिक्षित शिक्षक नियुक्त किए जाएं, ताकि छात्रों को मातृभाषा में शिक्षा मिल सके और उनका बौद्धिक विकास सशक्त हो।
प्रतिनिधिमंडल की बातों को उपायुक्त चंदन कुमार ने गंभीरता से सुना और आश्वासन दिया कि एक माह के भीतर अनुशिक्षकों की नई भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएगी, जिसमें क्षेत्रीय भाषाओं के लिए शिक्षकों की नियुक्ति पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा।
बैठक में अधिवक्ता महेंद्र जामुदा, एसटी मोर्चा अध्यक्ष बुआएँ बिरूली, उपाध्यक्ष हीरालाल हेंब्रम, युवा मोर्चा उपाध्यक्ष संजय कुंकल, सचिव जय देवगन, जिला प्रवक्ता विमल भंज, अनिल मुखी सहित कई अन्य कार्यकर्ता मौजूद रहे।