चाईबासा सदर अस्पताल का नया ओपीडी भवन अब तक शुरू नहीं, मरीजों को हो रही भारी परेशानी* *भाजपा नेता ने डीसी से शीघ्र कार्रवाई की मांग की*

चाईबासा: सदर अस्पताल परिसर में वर्षों पहले बनकर तैयार हुए नए ओपीडी भवन का उपयोग अब तक शुरू नहीं हो सका है, जिससे मरीजों को इलाज में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इसे लेकर भारतीय जनता पार्टी पिछड़ा जाति मोर्चा के प्रदेश मंत्री हेमन्त कुमार केशरी ने उपायुक्त, पश्चिमी सिंहभूम से शीघ्र हस्तक्षेप की मांग की है।
श्री केशरी ने उपायुक्त को एक पत्र सौंपते हुए बताया कि वर्ष 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मेडिकल कॉलेज की स्थापना की आधारशिला रखी गई थी, जिसे जनवरी 2022 तक चालू किया जाना था। परंतु भवन निर्माण निगम और कार्य एजेंसी की लापरवाही के चलते यह कार्य अब तक अधूरा है। हाल ही में सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त जानकारी के अनुसार, मेडिकल कॉलेज निर्माण को अब 25 सितंबर 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है।
पत्र में उन्होंने बताया कि सदर अस्पताल में नए ओपीडी भवन का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है, लेकिन बिजली कनेक्शन के अभाव में इसे चालू नहीं किया जा सका है। सिविल सर्जन के अनुसार, इस भवन को तीन अलग-अलग फीडरों से जोड़ने की योजना है, जिस पर लगभग 4.85 करोड़ रुपये की लागत आएगी। यह राशि चार महीने पूर्व स्वास्थ्य विभाग से मांगी गई थी, लेकिन अब तक मंजूरी नहीं मिल सकी है।
वर्तमान में पुराने ओपीडी भवन में कार्य जारी रहने से अस्पताल के अन्य वार्डों के नवीकरण कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं। श्री केशरी ने बताया कि आपातकालीन वार्ड की स्थिति अत्यंत दयनीय है, जहां मरीजों को खुले में, जमीन पर और बेंचों पर इलाज कराना पड़ रहा है, जो कि अमानवीय है।
उन्होंने उपायुक्त से मांग की है कि नए ओपीडी भवन में बिजली कनेक्शन के लिए आवश्यक 4.85 करोड़ रुपये की राशि डीएमएफटी फंड से जल्द से जल्द उपलब्ध कराई जाए ताकि भवन को चालू किया जा सके और मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिल सके। साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री द्वारा स्वीकृत मेडिकल कॉलेज योजना को समय पर पूरा कराने के लिए प्रशासनिक पहल की भी अपील की है।
यह मुद्दा अब जनस्वास्थ्य और प्रशासनिक जवाबदेही से जुड़ चुका है और जिलेवासियों को अब शीघ्र समाधान की उम्मीद है।