झारखंड में बांग्ला भाषा संरक्षण को लेकर उठा स्वर, राज्यव्यापी सम्मेलन में आंदोलन की चेतावनी* *धनबाद में झारखंड बांग्ला भाषा उन्नयन समिति का राज्य स्तरीय सम्मेलन सम्पन्न*

चाईबासा/धनबाद: झारखंड बांग्ला भाषा उन्नयन समिति के बैनर तले रविवार को धनबाद के बलियापुर मुख्य मार्ग स्थित होटल हिल व्यू में राज्यव्यापी सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन में प्रदेश के विभिन्न जिलों पश्चिम सिंहभूम, पूर्वी सिंहभूम, सरायकेला, दुमका, जामताड़ा, साहेबगंज, पाकुड़, बोकारो, देवघर, हजारीबाग, गिरिडीह एवं कोडरमा से आए प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ, जिसमें पूर्व विधायक (सिंदरी) फूलचंद मंडल, बंगाली वेलफेयर सोसाइटी से गोपाल भट्टाचार्य, साहित्यकार तपन राय, दुर्गा मंदिर रिलिजियस चैरिटेबल ट्रस्ट की बरनाली गुप्ता, लिंडसे क्लब एवं लाइब्रेरी से मनोज मजूमदार समेत अन्य अतिथिगण उपस्थित रहे।
इसके बाद गुरु सूर नृत्य संगम की छात्र-छात्राओं द्वारा बांग्ला भाषा पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए, जिसे उपस्थित जनसमूह ने सराहा।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए समिति की प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष रीना मंडल ने कहा कि झारखंड में लगभग 42% लोग बांग्ला भाषी हैं, इसके बावजूद भी सरकारी विद्यालयों में मातृभाषा में पठन-पाठन की सुविधा उपलब्ध नहीं है। उन्होंने इसे एक सुनियोजित षड्यंत्र बताते हुए कहा कि राज्य गठन के बाद से बांग्ला भाषा और संस्कृति को क्रमशः हाशिए पर डालने का प्रयास किया जा रहा है, जो एक करोड़ तीस लाख बांग्लाभाषियों की भावना के साथ खिलवाड़ है।
सम्मेलन में यह निर्णय लिया गया कि बांग्ला भाषा को बचाने के लिए अब “सड़क से सदन तक” आंदोलन छेड़ा जाएगा। साथ ही, यह मांग भी दोहराई गई कि झारखंड सरकार द्वारा क्षेत्रीय एवं जनजातीय भाषाओं में पठन-पाठन को लेकर की गई चुनावी घोषणाओं को हर हाल में लागू किया जाए।
सम्मेलन में राजेश राय, सुब्रतो चौधरी, जुड़ान मुखर्जी, असीत चक्रवर्ती, सनातन मंडल, आशीष मंडल, पार्थो सेनगुप्ता, सुसोवन चक्रवर्ती, समीर मंडल, संतोष मंडल (दुर्गापुर), देवी शंकर दत्ता उर्फ काबू दत्ता (चाईबासा), शंकर मुखर्जी, पिंटू मुखर्जी समेत अनेक प्रतिनिधि मौजूद रहे।
इस आयोजन को झारखंड में बांग्ला भाषा और संस्कृति को जीवित रखने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।