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“भगवान शिव ने तंत्र योग से मानवता को दिया कल्याण का मार्ग”

 

जमशेदपुर।आनंद मार्ग प्रचारक संघ की ओर से सोमवार को सोनारी धर्म चक्र यूनिट में तत्व सभा का आयोजन किया गया। सभा का विषय “भगवान शिव कल्याण सुंदरम” था। सभा को संबोधित करते हुए आनंद मार्ग के सुनील आनंद ने कहा कि भगवान सदाशिव ही मानव जाति के आदि पिता हैं। उन्होंने बताया कि पृथ्वी पर मनुष्य लगभग 10 लाख वर्ष पूर्व आया और वर्तमान स्वरूप का मानव मात्र 1 लाख वर्ष पुराना है। मानव सभ्यता का इतिहास भी मात्र 15 हजार वर्षों का ही है। पशुवत जीवन जी रहे मनुष्य को भगवान शिव ने सभ्यता का मार्ग दिखाया। इस पृथ्वी पर पार्वती से प्रथम विवाह कर पारिवारिक व्यवस्था की स्थापना की।

सुनील आनंद ने कहा कि बैद्यनाथ, गंधर्वराज, नटराज और सरगम के जन्मदाता भगवान शिव हैं। त्रिशूलधारी भगवान शिव ने व्यष्टि और समष्टि के दैहिक, मानसिक और आध्यात्मिक कष्ट दूर करने का अद्भुत कार्य किया। स्वरोदय शास्त्र, जिसका उपयोग आज आयुर्वेद चिकित्सा में भी होता है, उसके जन्मदाता भी भगवान शिव ही हैं। उन्होंने कहा कि सहस्रार में ध्याननिष्ठ भगवान शिव को लोग अपनी अज्ञानता और कमजोरी छुपाने के लिए नशेड़ी और गांजेड़ी की संज्ञा देते हैं, यह महापाप है।

भगवान शिव ने तंत्र योग साधना का ज्ञान देकर मानवता के कल्याण का मार्ग प्रशस्त किया। तंत्र साधना से ही मनुष्य के तंत्रिका तंत्र को पुष्टि मिलती है। आनंद मार्ग के प्रवर्तक भगवान श्री श्री आनंदमूर्ति जी ने शैव तंत्र, तांडव और ललित मार्मिक नृत्य को पुनः स्थापित कर कल्याण के द्वार खोल दिए। सभा में कई श्रद्धालु उपस्थित थे। संचालन आनंद मार्ग के स्वयंसेवकों ने किया।

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