आदिवासी गरीबों के मकान तोड़े जाने पर कांग्रेस ने जताया रोष, उपायुक्त से की कड़ी कार्रवाई की मांग

जमशेदपुर। पूर्वी सिंहभूम जिला स्थित चाकुलिया में आदिवासी परिवारों के निर्माणाधीन अबुआ आवास को तोड़े जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। मंगलवार को पूर्वी सिंहभूम जिला कांग्रेस कमिटी के जिलाध्यक्ष आनन्द बिहारी दुबे के नेतृत्व में कांग्रेस का एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी से मिला और दो अलग-अलग मामलों पर मांग पत्र सौंपा।
जिलाध्यक्ष आनन्द बिहारी दुबे ने कहा कि सरडीहा पंचायत के रापुचाकुंडी गांव की तीन गरीब आदिवासी महिलाएं – छवि नायक, सुवासिनी नायक और लक्ष्मी नायक – झारखंड सरकार की अबुआ आवास योजना के तहत अपने मकान का निर्माण करा रही थीं। लेकिन यह भूमि वन क्षेत्र में आने के कारण क्षेत्रीय वन पदाधिकारी दिग्विजय सिंह के आदेश पर इन मकानों को बुलडोजर चलाकर तोड़ दिया गया। उन्होंने कहा कि इससे गरीबों के सिर से छत छिन गई और सरकारी राजस्व की भी बर्बादी हुई। दुबे ने सवाल उठाया कि जब प्रखंड विकास पदाधिकारी और जीपीएस द्वारा स्थल का सत्यापन कर निर्माण स्वीकृत किया गया, तो निर्माण के बाद वन विभाग ने इन्हें क्यों ढहा दिया। उनका कहना था कि पोस्ट फैक्टो अनुमति लेकर इन आवासों को बचाया जा सकता था, लेकिन प्रशासन की लापरवाही से गरीबों को भारी नुकसान झेलना पड़ा।
वहीं, दूसरे मामले में जिलाध्यक्ष ने चाकुलिया नगर पंचायत के विशेष पदाधिकारी पर नियमों की अनदेखी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि विशेष पदाधिकारी ने श्री गणेश रूंगटा की राइस मिल से श्री वासुदेव रूंगटा की राइस मिल तक पीसीसी सड़क का निर्माण सरकारी पैसे से करा दिया, जबकि यह सड़क निजी उपयोग के लिए है और वन भूमि पर बिना वन विभाग की अनापत्ति प्रमाण पत्र के बनाई गई है। उन्होंने कहा कि नगर पंचायत ने निजी स्वार्थवश नियमों को ताक पर रख दिया और सरकारी राशि का दुरुपयोग किया।
आनन्द बिहारी दुबे ने उपायुक्त से मांग की कि प्रखंड विकास पदाधिकारी चाकुलिया के खिलाफ विभागीय अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए और तीनों अबुआ आवासों के ध्वस्तीकरण से हुए नुकसान की पूरी राशि उनके वेतन से वसूली जाए। साथ ही चाकुलिया नगर पंचायत के विशेष पदाधिकारी से बिना अनुमति के सड़क निर्माण में खर्च हुई पूरी लागत की वसूली की जाए और उनके विरुद्ध भी विभागीय कार्रवाई की जाए।
उन्होंने कहा कि वन विभाग गरीबों और अमीरों के लिए दोहरा मापदंड क्यों अपना रहा है, यह भी जांच का विषय है। प्रतिनिधिमंडल में जिलाध्यक्ष आनन्द बिहारी दुबे के अलावा प्रदेश सचिव सह चाकुलिया प्रखंड पर्यवेक्षक के के शुक्ल, जिला प्रवक्ता शमशेर खान, सुफी इरफान, ज्योति मिश्र, नलिनी कुमारी और रोहित मिश्र उपस्थित थे। उपायुक्त ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जल्द समाधान का आश्वासन दिया।