दलमा शिव मंदिर प्रवेश शुल्क पर चाईबासा से सरायकेला तक विरोध तेज, भाजपा और हिंदू संगठनों ने कहा – आस्था पर ‘जजिया कर’ बर्दाश्त नहीं

न्यूज़ लहर संवाददाता
चाईबासा।श्रावण माह में दलमा स्थित प्राचीन शिव मंदिर में वन विभाग द्वारा लगाए गए प्रवेश शुल्क के खिलाफ कोल्हान में राजनीतिक और धार्मिक हलकों में तीव्र आक्रोश फैल गया है। हिंदू संगठनों और भाजपा ने इसे आस्था पर कुठाराघात बताते हुए तत्काल हटाने की मांग की है।
जमशेदपुर के निकट दलमा स्थित शिव मंदिर में श्रावण के दौरान दर्शन को जा रहे श्रद्धालुओं से वसूले जा रहे वन विभाग के प्रवेश शुल्क के विरोध में चाईबासा और सरायकेला में भी विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। हिंदू जागरण मंच चाईबासा के प्रांतीय कार्यकारिणी सदस्य जय गिरि गोस्वामी ने इस फैसले को सनातन संस्कृति पर हमला बताते हुए कहा कि श्रावण माह में बाबा भोलेनाथ को जल चढ़ाने से कोई नहीं रोक सकता। यह कर ‘जजिया कर’ जैसा है जिसे किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जाएगा।
महावीर संघ चाईबासा के संरक्षक दीपक कुमार गुप्ता ने भी इस निर्णय पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि सरकार विकास योजनाओं के प्रचार में व्यस्त है लेकिन भक्तों पर कर थोपना दुर्भाग्यपूर्ण है। क्या अब अपने ही मंदिर में पूजा के लिए भी कर देना होगा?
इधर, भारतीय जनता पार्टी पिछड़ा जाति मोर्चा के प्रदेश मंत्री हेमन्त कुमार केशरी ने सरायकेला-खरसावां उपायुक्त को ज्ञापन सौंपते हुए वन विभाग की इस वसूली को तत्काल बंद कराने की मांग की।
उन्होंने कहा कि दलमा पहाड़ पर स्थित मंदिर में कोल्हान समेत पूरे झारखंड से हजारों श्रद्धालु श्रावण में दर्शन को पहुंचते हैं और यह निर्णय हिंदू आस्था को ठेस पहुंचाता है। श्री केशरी ने इसे तुगलकी फरमान और जजिया कर बताते हुए चेतावनी दी कि यदि यह वसूली तुरंत बंद नहीं की गई तो भाजपा आंदोलन करेगी। उन्होंने मुख्यमंत्री से संबंधित अधिकारी का तबादला करने की भी मांग की।
गौरतलब है कि दलमा मंदिर में प्रवेश शुल्क को लेकर बढ़ता जन आक्रोश राज्य सरकार के लिए राजनीतिक और धार्मिक दोनों मोर्चों पर चुनौती बनता जा रहा है।