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डेंगू-चिकनगुनिया से सतर्क रहने की जिला प्रशासन की अपील, साफ-सफाई और बचाव पर जोर

न्यूज़ लहर संवाददाता
जमशेदपुर।मॉनसून के मौसम में डेंगू और चिकनगुनिया जैसी मच्छर जनित बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इसे देखते हुए शुक्रवार को पूर्वी सिंहभूम जिला प्रशासन ने लोगों से विशेष सावधानी बरतने की अपील की है। प्रशासन ने कहा है कि साफ-सफाई बनाए रखकर, पानी जमा न होने देकर और मच्छरदानी या रिपेलेंट का उपयोग कर इन बीमारियों से बचा जा सकता है।

डेंगू के सामान्य लक्षणों में पूरे शरीर में दर्द, सिरदर्द, आंखों के पीछे दर्द, जोड़ों में दर्द और त्वचा पर लाल धब्बे का होना शामिल है। इसके अलावा नाक, मसूढ़ों या उल्टी से खून आना, काला मल आना इसके गंभीर लक्षण हैं। वहीं चिकनगुनिया के लक्षणों में अचानक तेज बुखार और शरीर के जोड़ों में दर्द प्रमुख हैं। कई मरीजों के शरीर पर दाने भी निकल आते हैं।

प्रशासन ने बताया कि डेंगू और चिकनगुनिया दोनों ही संक्रमित मादा एडिज मच्छर के काटने से होते हैं, जो दिन के समय काटता है और साफ पानी में पनपता है। इसलिए दिन में भी मच्छरदानी का इस्तेमाल करें और मच्छर भगाने वाली क्रीम या दवा का प्रयोग करें। घर के कूलर, टूटे-फूटे बर्तनों, गमले और फूलदान का पानी बदलते रहें ताकि मच्छरों को पनपने का मौका न मिले। आसपास की जगहों को साफ-सुथरा रखें और मच्छर पनपने वाली जगहों पर कीटनाशी दवाओं का छिड़काव करें। जमा हुए पानी में मिट्टी का तेल डालना भी लाभकारी है।

जिला प्रशासन ने कहा है कि हर बुखार डेंगू या चिकनगुनिया नहीं होता, लेकिन यदि बुखार के साथ उपरोक्त लक्षण दिखें तो तुरंत नजदीकी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, अनुमंडल अस्पताल घाटशिला, सदर अस्पताल अथवा एमजीएम मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल पहुंचें। इन जगहों पर जांच और इलाज की सुविधा नि:शुल्क उपलब्ध है। प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि तेज बुखार होने पर एस्प्रिन या ब्रुफेन की गोलियां नहीं लें, इसके लिए केवल पारासिटामोल सुरक्षित दवा है।

अंत में प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि बीमारी के लक्षण दिखने पर बिना समय गंवाए चिकित्सक से संपर्क करें। समय पर इलाज कराने से डेंगू और चिकनगुनिया के मरीज पूर्ण रूप से स्वस्थ हो सकते हैं। स्वास्थ्य सलाह के लिए 104 नंबर पर भी संपर्क किया जा सकता है।

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