टाटानगर स्टेशन पर मानव तस्करी का खुलासा, 7 नाबालिग बच्चों को छुड़ाया गया

न्यूज़ लहर संवाददाता
जमशेदपुर। टाटानगर रेलवे स्टेशन पर रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने मानव तस्करी के खिलाफ बड़ी सफलता हासिल करते हुए सात नाबालिग बच्चों को तस्करों के चंगुल से मुक्त कराया। शनिवार को गुप्त सूचना के आधार पर RPF की उड़नदस्ता टीम ने 22861 इस्पात एक्सप्रेस के टाटानगर पहुंचने पर डी-1 और डी-2 कोच में जांच अभियान चलाया। जांच के दौरान कुछ वयस्कों के साथ यात्रा कर रहे सात नाबालिग लड़के संदिग्ध नजर आए। पूछताछ में बच्चे न तो अपनी यात्रा का मकसद स्पष्ट बता सके और न ही गंतव्य का नाम बता पाए, हालांकि उन्होंने अपने साथ यात्रा कर रहे वयस्कों की पहचान कर ली।
पूछताछ के दौरान यह खुलासा हुआ कि सभी नाबालिग बच्चों को काम कराने के उद्देश्य से ओडिशा के संबलपुर ले जाया जा रहा था। इन बच्चों की उम्र 13 से 17 वर्ष के बीच है। तस्करों ने पूछताछ के दौरान भ्रम फैलाने की कोशिश भी की, लेकिन RPF ने सतर्कता दिखाते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार तस्करों की पहचान पश्चिम बंगाल के तीन निवासियों – मालदा निवासी रसपन गनी (33 वर्ष), पूर्व मेदिनीपुर निवासी शेख बशीरुद्दीन (27 वर्ष) और मसरूल आलम (21 वर्ष) के रूप में हुई है। पूछताछ में तीनों ने स्वीकार किया कि वे श्रम आपूर्ति एजेंट हैं।
RPF ने तस्करों के पास से तीन मोबाइल फोन, 1300 रुपये नकद और कुल 61,300 रुपये बरामद किए हैं। ऑपरेशन एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (AHTU) के तहत तीनों आरोपियों को टाटानगर रेल पुलिस को सौंप दिया गया, जबकि नाबालिग बच्चों को सुरक्षा और देखभाल के लिए चाइल्डलाइन के सुपुर्द कर दिया गया है। RPF ने कहा है कि रेलवे स्टेशन पर मानव तस्करी जैसी गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जाएगी और आगे की जांच जारी है।