गुरुद्वारा नानक दरबार में श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया गया श्री गुरु हरकिशन जी का प्रकाश पर्व
चाईबासा: गुरुद्वारा नानक दरबार, चाईबासा में सिखों के आठवें गुरु श्री गुरु हरकिशन जी का प्रकाश पर्व श्रद्धा, भक्ति और उल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर कीर्तन, भजन और लंगर का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु संगत ने भाग लिया।
पिछले दो महीनों से अनमोल सलूजा के मार्गदर्शन में छोटे-छोटे बच्चों, बच्चियों और महिलाओं को तबला, ढोलक, हारमोनियम बजाना एवं कीर्तन करना सिखाया जा रहा है। प्रकाश पर्व के दिन इन सभी ने मिलकर अलग-अलग वाद्य यंत्रों के साथ संगीतमय कीर्तन प्रस्तुत किया, जिसे संगत ने खूब सराहा।
स्त्री सत्संग सभा ने भी मधुर आवाज और साज के साथ कीर्तन में भाग लिया। गुरुद्वारा साहिब के ग्रंथी जसवंत सिंह जी द्वारा भी गुरु यश गान किया गया, जिससे माहौल भक्तिमय हो गया।
इस अवसर पर श्री गुरु सिंह सभा के अध्यक्ष गुरमुख सिंह खोखर द्वारा बाल कीर्तनकार प्रभदीप सिंह, हरमन सिंह और बच्ची शताक्षी सिन्हा को सरोपा देकर सम्मानित किया गया। साथ ही गुरु सेवा में सक्रिय भूमिका निभाने वाले अनमोल सलूजा को भी श्री गुरु सिंह सभा और स्त्री सत्संग सभा द्वारा सम्मानित किया गया।
वालिया परिवार द्वारा श्री गुरुग्रंथ साहिब जी को अमृतसर से विशेष रूप से लाकर गुरुद्वारा में क्षत्र के रूप में चढ़ाया गया, जो कि किसी भी परिवार द्वारा श्री अखंड पाठ के लिए ले जाया जा सकेगा। इस सेवा के लिए अध्यक्ष गुरमुख सिंह खोखर ने वालिया परिवार का धन्यवाद व्यक्त किया और कहा कि “वाहेगुरु जी सदा परिवार पर क्षत्र की तरह कृपा बनाए रखें।”
उन्होंने संगत को प्रकाश पर्व की बधाई देते हुए कहा –
“श्री हर किशन धीआईए, जिस डिठ्ठे सब दुख जाए।”
साथ ही उन्होंने गुरु से जुड़े रहने, एक-दूसरे को “सत श्री अकाल” कहने, बड़ों को सम्मान देने और छोटों को स्नेह देने की प्रेरणा दी।
अंत में गुरु का लंगर वरताया गया।
कार्यक्रम के अंत में यह घोषणा की गई कि अगला गुरु पर्व श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का पहला प्रकाश पर्व 24 अगस्त को श्रद्धा और भक्ति के साथ गुरुद्वारा नानक दरबार में मनाया जाएगा।