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एनएमएल के प्लेटिनम जुबली वर्ष पर राष्ट्रीय सम्मेलन शुरू, खनिज उत्पादन बढ़ाने की योजना

 

जमशेदपुर। वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद-राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला (सीएसआईआर-एनएमएल) जमशेदपुर ने अपनी स्थापना के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में सोमवार से तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया। ‘खनिज प्रसंस्करण प्रौद्योगिकियों में उभरते रुझान’ विषय पर आधारित यह 23 जुलाई से 25 जुलाई तक एनएमएल सभागार में आयोजित हो रहा है।

कार्यक्रम का उद्घाटन हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड के चेयरमैन सह मुख्य प्रबंध निदेशक संजीव कुमार सिंह और एनएमएल के निदेशक डॉ. संदीप घोष चौधरी ने दीप प्रज्वलन कर किया। इस अवसर पर स्मारिका पत्रिका का लोकार्पण किया गया और पोस्टर प्रदर्शनी का उद्घाटन भी हुआ। कार्यक्रम में देशभर से आए वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों ने भाग लिया।

इस मौके पर हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड के चेयरमैन सह सीएमडी संजीव कुमार सिंह ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार के सहयोग से बंद पड़ी खदानों को फिर से चालू किया जाएगा, ताकि खनिज का दोहन बढ़ाया जा सके। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने विकसित भारत का जो लक्ष्य 2047 तक रखा है, वह खनिज उत्पादन को बढ़ाकर ही पूरा किया जा सकता है। उन्होंने भरोसा जताया कि 2047 तक देश इस लक्ष्य को हासिल कर लेगा। उन्होंने यह भी बताया कि अगले 5 से 6 वर्षों में हिंदुस्तान कॉपर का उत्पादन 4 मिलियन टन से बढ़कर 12 मिलियन टन तक पहुंच जाएगा।

राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला के निदेशक डॉ. संदीप घोष चौधरी ने कहा कि देश में मिलने वाले खनिजों में कुछ कमियां हैं, जिसके कारण कॉपर सल्फेट का आयात करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि कॉपर का उत्पादन बढ़ने से देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। हिंदुस्तान कॉपर एक और प्लांट लगाने की तैयारी कर रहा है। उन्होंने बताया कि इस तीन दिवसीय सम्मेलन में देशभर के वैज्ञानिक अपने शोध पत्र प्रस्तुत कर सामूहिक विचार-विमर्श करेंगे।

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