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सदर अस्पताल चाईबासा में गंदगी और भोजन की बदहाली पर उठे सवाल, भाजपा नेता ने उपायुक्त से की कार्रवाई की मांग

 

चाईबासा: सदर अस्पताल चाईबासा में फैली गंदगी, शौचालयों से आ रही दुर्गंध और मरीजों को मीनू के अनुरूप भोजन नहीं दिए जाने को लेकर अब राजनीतिक हलकों में भी आक्रोश गहराने लगा है। भारतीय जनता पार्टी पिछड़ा जाति मोर्चा के प्रदेश मंत्री हेमन्त कुमार केशरी ने उपायुक्त, पश्चिमी सिंहभूम को पत्र लिखकर अस्पताल प्रबंधन और आउटसोर्सिंग एजेंसियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

अपने शिकायत पत्र में केशरी ने आरोप लगाया है कि अस्पताल में वर्षों से एक ही आउटसोर्स एजेंसी को सफाई और सैनेटरी का कार्य दिया जा रहा है, जबकि उनकी ओर से कार्यरत कर्मचारियों की संख्या और कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं। उन्होंने बताया कि सुपरवाइजर के अनुसार 3 शिफ्ट में 45 सफाईकर्मी कार्यरत होने चाहिए, लेकिन वास्तव में मात्र 10-12 सफाईकर्मी ही काम कर रहे हैं। इस कारण अस्पताल के विभिन्न वार्डों, खासकर आईसीयू और इमरजेंसी में गंदगी फैली हुई है।

केशरी ने बताया कि ओपीडी में शौचालय से बहते गंदे पानी की वजह से मरीजों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि वार्डों की हालत दयनीय है और आयुष केंद्र तथा आंख विभाग जाने वाले रास्तों में कचरे का ढेर जमा है।

भोजन व्यवस्था को लेकर भी केटरिंग एजेंसी पर गंभीर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि मीनू के अनुरूप मरीजों को अंडा और दही नहीं दिया जा रहा है। अप्रैल में शिकायत के बाद कुछ दिनों तक अंडा देना शुरू किया गया, लेकिन अब फिर से मनमानी शुरू हो गई है।

उन्होंने मांग की है कि किसी वरीय अधिकारी को अस्पताल का निरीक्षण कर, एजेंसियों की कार्यप्रणाली की निष्पक्ष जांच कराई जाए। साथ ही एजेंसी आवंटन प्रक्रिया की भी गहनता से समीक्षा की जाए।

भाजपा नेता ने चेतावनी दी है कि यदि अस्पताल में हो रही लापरवाहियों पर त्वरित कार्रवाई नहीं हुई, तो वे व्यापक जनहित के लिए आंदोलन का रास्ता अपनाएंगे।

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