चाईबासा की बहू सीमा चौधरी ने रचा इतिहास, जेपीएससी परीक्षा में पाई 142वीं रैंक रेनेशाँ आई. ए. एस. कोचिंग संस्थान रांची का जताया आभार, कहा – अनुशासन और समर्पण से मिलती है सफलता
चाईबासा: जहाँ एक ओर पश्चिमी सिंहभूम जिले में वर्ष 2025 के मैट्रिक और इंटरमीडिएट के परीक्षा परिणामों को लेकर शिक्षा विभाग कटघरे में है, छात्रों की कम उपलब्धि पर चारों ओर से आलोचनाएं हो रही हैं, वहीं दूसरी ओर चाईबासा शहर की एक महिला ने अपने संघर्ष, समर्पण और साहस से पूरे जिले का नाम रौशन कर दिया है।
चाईबासा के न्यू कॉलोनी गांधी टोला की बहू सीमा चौधरी ने झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) की परीक्षा में 142वीं रैंक हासिल कर राज्य के प्रशासनिक सेवा क्षेत्र में अपनी जगह पक्की की है। उन्हें झारखंड वित्तीय सेवा में नियुक्ति मिल रही है।
एक साधारण गृहिणी की असाधारण सफलता
सीमा चौधरी की यह सफलता इसलिए और भी खास बन जाती है क्योंकि वे एक गृहिणी हैं और दो छोटे बच्चों की माँ हैं। घरेलू जिम्मेदारियों के बीच पिछले तीन वर्षों से उन्होंने लगातार कठिन मेहनत की और अपनी पढ़ाई को कभी नहीं छोड़ा, उन्होंने बताया कि पहले 10 मिनट फिर 15 मिनट उसके बाद समय निकाल निकाल करके मैंने पढ़ाई की, क्योंकि समय निकलता नहीं निकाला जाता है।
पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा, मैंने यह सफलता रेनेशाँ आई. ए. एस. कोचिंग संस्थान रांची के मार्गदर्शन के बिना कभी नहीं पा सकती थी। संस्थान के निदेशक रवि कुमार सर और उपनिदेशक सोनी कुमारी सिंह मैम ने मुझे वह अनुशासन सिखाया, जो इस परीक्षा में सबसे अधिक जरूरी होता है।”
सोशल मीडिया से दूर, लक्ष्य पर रहा फोकस
सीमा ने आज की युवा पीढ़ी को एक संदेश भी दिया। उन्होंने बताया कि उन्होंने कभी फेसबुक, इंस्टाग्राम या अन्य किसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग नहीं किया। मेरा फोकस केवल और केवल मेरे लक्ष्य पर था। आज के युवाओं को चाहिए कि वे एक ही लक्ष्य बनाएं और उस पर पूरी तरह समर्पित होकर मेहनत करें। अगर आप एक साथ कई लक्ष्य बनाते हैं, तो कहीं के नहीं रहेंगे।
परिवार बना प्रेरणा और ताकत
सीमा ने अपनी सफलता का श्रेय सबसे पहले अपनी माँ को दिया। उन्होंने कहा जब मैं छह वर्ष की थी, तभी मेरे पिता का देहांत हो गया था। मेरी माँ ने फोर्थ ग्रेड की नौकरी करके हमें तीनों भाई-बहनों को पाला और पढ़ाया। उनका संघर्ष ही मेरी प्रेरणा बना।
इसके बाद उन्होंने अपने छोटे भाई, पति और बच्चों का आभार जताया। उन्होंने बताया कि उनके पति ने हमेशा उनका हौसला बढ़ाया और कठिन समय में पूरा सहयोग दिया। मैं अपने बच्चों को पूरा समय नहीं दे सकी, लेकिन मेरे परिवार ने मेरे सपने को अपना सपना बना लिया।
रेनेशाँ आई. ए. एस. कोचिंग संस्थान रांची सफलता की गूंज पूरे राज्य में
सीमा ने जिस ऑनलाइन प्लेटफॉर्म रेनेशाँ आई. ए. एस. कोचिंग संस्थान रांची से पढ़ाई की, उसकी सफलता भी राज्य में चर्चा का विषय बनी हुई है। उन्होंने बताया कि “हमारे बैच के 35 विद्यार्थियों ने इस वर्ष जेपीएससी परीक्षा में सफलता प्राप्त की है। इनमें हजारीबाग के रोबिन कुमार (झारखंड पुलिस सेवा) सातवें स्थान पर रहे। दीपमाला, मनी रंजन कुमार, संतोष कुमार (झारखंड प्रशासनिक सेवा), अरुण कुमार गुप्ता, नेहा कुमारी (झारखंड वित्तीय सेवा), अफरोज आलम (झारखंड होमगार्ड सेवा), शुभम गांगुली, पूजा डे जैसे 35 नाम शामिल हैं। यह संस्थान वास्तव में बहुत ही उत्कृष्ट मार्गदर्शन देता है।
ईश्वर का प्रसाद समझकर सेवा में होंगी समर्पित
सीमा चौधरी ने बताया कि उनकी तीन प्राथमिकताएं थीं, लेकिन रैंक थोड़ी कम होने के कारण उन्हें झारखंड वित्तीय सेवा मिली है। उन्होंने कहा मैं इसे भगवान का आशीर्वाद और प्रसाद मानती हूं। मैंने कॉमर्स विषय से तैयारी की थी और इस सेवा के लिए पूरी तरह तैयार हूं।
युवा पीढ़ी को प्रेरणा देती है सीमा की कहानी
सीमा की कहानी सिर्फ एक परीक्षा में सफलता की नहीं, बल्कि एक महिला की जिद, आत्मविश्वास और दृढ़ संकल्प की मिसाल है। उनकी सफलता उन सभी महिलाओं के लिए प्रेरणा है, जो पारिवारिक जिम्मेदारियों के बीच अपने सपनों को सच करना चाहती हैं।