चाईबासा चर्च में ‘हेरोः परब’ आयोजन का आदिवासी ‘हो’ समाज ने किया विरोध, जिला प्रशासन से शिकायत की तैयारी

चाईबासा: चाईबासा स्थित एक चर्च में ‘हो’ समाज का पारंपरिक त्योहार हेरोः परब मनाए जाने के विरोध में आदिवासी ‘हो’ समाज युवा महासभा ने सोमवार को कला एवं संस्कृति भवन, हरिगुटु में एक आकस्मिक बैठक आयोजित की। बैठक में महासभा के पदाधिकारियों ने रोमन-कैथोलिक चर्च द्वारा आयोजित इस आयोजन को ‘हो’ समाज की परंपराओं का घोर उल्लंघन बताते हुए तीव्र आपत्ति जताई।
महासभा के पदाधिकारियों का कहना है कि किसी भी चर्च, मंदिर, मस्जिद या गुरुद्वारे जैसे धार्मिक स्थलों में ‘हो’ समाज के पारंपरिक त्योहारों को गैर-आदिवासी या धर्मांतरण किए हुए लोगों द्वारा मनाया जाना अस्वीकार्य है। उन्होंने आरोप लगाया कि इससे पूर्व भी चर्च में मगे परब मनाकर ‘हो’ समाज की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाई गई थी।
बैठक में वक्ताओं ने स्पष्ट किया कि हेरोः परब एक विशुद्ध पारंपरिक और सांस्कृतिक अनुष्ठान है, जिसे केवल राजस्व ग्राम के रैयतों द्वारा बोड़ोबोंजी बोंगा के बाद बकरा-मुर्गा बलि, आदवा चावली, जोड़ा बैल, नमा चाटु, हेरो लड्, हटा: डाला जैसी परंपरागत सामग्रियों के साथ विशेष अनुष्ठान कर मनाया जाता है। ऐसे में चर्च या किसी अन्य धार्मिक संस्था द्वारा इसका आयोजन चौंकाने वाला और अनुचित है।
‘हो’ समाज युवा महासभा ने जिला प्रशासन से इस मामले में हस्तक्षेप कर कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन द्वारा उचित कदम नहीं उठाया गया तो चाईबासा शहर को बंद करने जैसा आंदोलनात्मक निर्णय लिया जा सकता है।
इस बैठक में आदिवासी ‘हो’ समाज महासभा के केन्द्रीय क्रीड़ा सचिव सतीश सामड, युवा महासभा के अध्यक्ष इपिल सामड, महासचिव गब्बरसिंह हेम्ब्रम, प्रदेश कोषाध्यक्ष शंकर सिंदु, जिलाध्यक्ष शेरसिंह बिरूवा, सचिव ओयबन हेम्ब्रम, कोषाध्यक्ष सत्यव्रत बिरूवा समेत कई पदाधिकारी और सदस्य उपस्थित रहे।