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नगर निकाय चुनाव में ट्रिपल टी टेस्ट की पारदर्शिता पर उठे सवाल, भाजपा पिछड़ा जाति मोर्चा ने जताई नाराज़गी

 

चाईबासा: झारखंड में नगर निकाय चुनाव को लेकर पिछड़ी जातियों को आरक्षण देने के संदर्भ में माननीय उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार ट्रिपल टी टेस्ट (Triple Test) की प्रक्रिया पूरी की गई थी। इसी क्रम में इसकी जांच को लेकर झारखंड राज्य पिछड़ा जाति आयोग के अध्यक्ष जानकी यादव हाल ही में चाईबासा पहुंचे। लेकिन भाजपा पिछड़ा जाति मोर्चा ने आरोप लगाया है कि नगर परिषद चाईबासा के अधिकारियों ने उनके आगमन को जानबूझकर सार्वजनिक नहीं किया।

इस संबंध में भाजपा पिछड़ा जाति मोर्चा के प्रदेश मंत्री हेमंत कुमार केशरी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि चाईबासा नगर परिषद का यह रवैया पूर्वाग्रसित और असंवैधानिक है। उन्होंने दावा किया कि ट्रिपल टी टेस्ट केवल कागज़ों तक ही सीमित रह गया है और इसकी जमीनी हकीकत की जांच से नगर परिषद बचना चाहती है। आयोग के अध्यक्ष के आगमन की सूचना को छिपाना इस बात का प्रमाण है कि नगर परिषद इस प्रक्रिया की वास्तविकता सामने आने से डर रही थी।

हेमंत केशरी ने यह भी कहा कि पिछड़ा जाति आयोग के अध्यक्ष जानकी यादव ने न तो राजनीतिक और न ही सामाजिक संगठनों से संवाद किया, जो कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया का उल्लंघन है। नगर निकाय चुनाव में पिछड़ी जातियों के अधिकारों से जुड़ा यह विषय अत्यंत संवेदनशील है और इसमें पारदर्शिता अत्यंत आवश्यक है।

भाजपा पिछड़ा जाति मोर्चा ने नगर परिषद के इस व्यवहार की कड़ी निंदा करते हुए इसे लोकतांत्रिक और संवैधानिक मूल्यों के विरुद्ध बताया है। साथ ही, आयोग के अध्यक्ष द्वारा स्थानीय पिछड़ी जाति संगठनों से विमर्श न करने पर भी क्षोभ व्यक्त किया है।

मोर्चा ने मांग की है कि आने वाले समय में इस प्रकार के महत्वपूर्ण विषयों पर सभी संबंधित पक्षों को विश्वास में लेकर ही कोई निर्णय लिया जाए, ताकि सामाजिक न्याय की अवधारणा को सही मायनों में लागू किया जा सके।

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