प्रीति देवगम की सफलता बनी प्रेरणा, मां के संघर्ष को दिया श्रेय

चाईबासा: हर माता-पिता का सपना होता है कि उनका बच्चा पढ़-लिखकर एक अच्छा नागरिक बने और समाज व देश के विकास में योगदान दे। इसी सपने को साकार करते हुए पूर्णिया गांव की बेटी प्रीति देवगम ने झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) की परीक्षा में दूसरी कोशिश में ही सफलता पाकर जिले का नाम रोशन किया है।
प्रीति का जन्म 15 नवंबर 1995 को चाईबासा सदर प्रखंड के अपने मामा के घर सरजमगुटू गांव में हुआ था। उन्होंने अपनी इस उपलब्धि का सबसे बड़ा श्रेय अपनी मां मीना देवगम को दिया, जो एक साधारण गृहिणी हैं। प्रीति के अनुसार, उनके पिता स्वर्गीय जंबीरा देवगम भूतपूर्व सैनिक थे। उनके निधन के बाद परिवार की जिम्मेदारी सिर्फ पेंशन की राशि से चलती रही। इसके बावजूद उनकी मां ने कभी पढ़ाई में कमी नहीं आने दी और दोनों बेटियों की शिक्षा को प्राथमिकता दी।
प्रीति की प्रारंभिक शिक्षा संत जेवियर इंग्लिश स्कूल, चाईबासा से हुई। मैट्रिक के बाद उन्होंने डीएवी चाईबासा से इंटर की पढ़ाई की और फिर उच्च शिक्षा के लिए भुवनेश्वर चली गईं। उन्होंने 2019 में नेट परीक्षा पास की, 2020 में जेआरएफ प्राप्त किया और वर्तमान में रांची विश्वविद्यालय से पीएचडी कर रही हैं।
प्रीति बताती हैं कि उन्होंने जेपीएससी की तैयारी हजारीबाग स्थित एक कोचिंग संस्थान से की, जिसने उन्हें दिशा दिखाने के साथ-साथ आत्मविश्वास भी बढ़ाया। उनका लक्ष्य अंचल अधिकारी बनना है ताकि वे अपने आदिवासी बहुल क्षेत्र में भूमि विवादों को सुलझाने में मदद कर सकें। साथ ही वह अंधविश्वास से जूझ रहे अपने समाज को शिक्षा से जोड़ने का कार्य करना चाहती हैं।
सोशल मीडिया के उपयोग पर प्रीति ने कहा कि आज सोशल मीडिया एक महत्वपूर्ण माध्यम है, लेकिन इसका उपयोग सोच-समझकर करना चाहिए। उन्होंने छात्रों को संदेश देते हुए कहा कि जीवन में लक्ष्य तय करें और उस दिशा में निरंतर प्रयास करें। सफलता धीरे-धीरे जरूर मिलती है लेकिन इसके लिए निरंतरता जरूरी है।
प्रीति इन दिनों अपने स्वर्गीय मामा के घर आई हुई थीं। उन्होंने सबसे पहले अपने नाना-नानी को श्रद्धांजलि अर्पित की। मौके पर उनकी मामी गीता बालमुचू, जो भाजपा की वरिष्ठ नेत्री हैं, ने उन्हें आशीर्वाद दिया और एक पुस्तक भेंट की जो उनके जीवन मार्गदर्शन में सहायक होगी। इस अवसर पर भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष और पूर्व मंत्री बड़कुंवर गागराई भी उपस्थित थे, जिन्होंने प्रीति को शुभकामनाएं दीं।
प्रीति ने बताया कि वह पहले से ही प्रोफेसर बनने की तैयारी कर रही थीं, लेकिन जेपीएससी की तैयारी के दौरान उनका मन इस सेवा की ओर भी आकर्षित हुआ और उन्हें सफलता मिली। प्रीति आज उन हजारों छात्रों के लिए प्रेरणा हैं, जो कठिन परिस्थितियों में भी अपने लक्ष्य को पाने का सपना देखते हैं।