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मेरी कुछ बातें चुभने वाली हैं… PM मोदी ने PoK से लेकर सिंधु समझौते तक गिनाईं कांग्रेस की विफलताएं*

 

नई दिल्ली:ऑपरेशन सिंदूर पर चल रही चर्चा में सरकार को घेरने की कोशिश कर रहे विपक्ष पर पीएम मोदी ने बड़ा हमला किया है। पीएम मोदी ने कांग्रेस नेता द्वारा पीओके वापस लेने के सवाल पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कांग्रेस के नेता पूछ रहे हैं कि पीओके वापस क्यों नहीं लिया? यहां सभी को पता है कि PoK किसकी सरकार के समय में पाकिस्तान के हाथ में गया था। पीएम यहीं नहीं रुके उन्होंने सिंधु समझौते का जिक्र करते हुए नेहरू सरकार पर निशाना साधते हुए इसे भारत की जनता के साथ सबसे बड़ा धोखा बताया। उन्होंने कहा इतना सब होने के बाद भी मैं जैसे ही नेहरू सरकार का जिक्र करता हूं, कांग्रेस पार्टी और उनका पूरा इकोसिस्टम बिलबिला जाता है।

 

विपक्ष पर हमलावर पीएम मोदी ने मुस्कुराते हुए कहा, “आज पूछा जा रहा है पीओके वापस क्यों नहीं लिया… सही बात है यह मुझसे ही पूछ सकते हैं। यहां बैठे सभी लोगों को पता है कि यह किसके समय में पाकिस्तान के हाथ में गया था। लम्हों ने खता कि थी… सदियों ने सजा पाई है। आजादी के समय की सरकारों द्वारा जो फैसले लिए गए उनकी सजा भारत देश आज तक भुगत रहा है।” पीएम मोदी ने अक्साई चिन का जिक्र करते हुए कहा, “अक्साई चिन… हमारे देश का हिस्सा है। उस पूरे क्षेत्र को बंजर जमीन करार दे दिया गया। उस समय की सरकार का फैसला ही था कि हमें हमारे देश की 38,000 वर्ग किलोमीटर जमीन खोनी पड़ी।”

 

पीएम ने कहा, “मुझे पता है कि आज मेरी कुछ बातें लोगों को चुभने वाली हैं। 1962-63 के बीच कांग्रेस के नेता जम्मू-कश्मीर के पुंछ, उरी, नीलम घाटी और किशन गंगा को छोड़ देने का प्रस्ताव रख रहे थे। भारत की भूमि को लाइन ऑफ पीस के नाम पर छोड़ा जा रहा था। 1966 में कच्छ के रणक्षेत्र पर इन्होंने मध्यस्थता स्वीकार की थी। भारत का करीब 800 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र पाकिस्तान को सौंप दिया। 1965 की जंग में हाजी पीर दर्रे को भारतीय सेना ने शौर्य के दम पर जीत लिया था… लेकिन कांग्रेस सरकार ने इसे वापस लौटा दिया।”

 

93 हजार पाकिस्तानी फौजी बंदी थे, करतारपुर साहिब ही ले लेते: पीएम मोदी

पीएम ने आगे कहा, “1971 में पाकिस्तान के 93 हजार फौजी हमारे कब्जे में थे। पाकिस्तान का हजारों किलोमीटर एरिया हमारे कब्जे में था। उस समय हमारी थोड़ी सी भी राजनीतिक इच्छाशक्ति होती तो हम पीओके भी ले सकते थे। इतना ही काम करने का था तो करतापुर साहिब को ही ले लेते.. लेकिन वह भी नहीं कर सके।”

 

सिंधु समझौता देश के साथ धोखा: प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने आरोप लगाया कि देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के कार्यकाल में किया गया सिंधु समझौता भारत के लोगों के साथ बहुत बड़ा धोखा है। उन्होंने कहा कि इस समझौते के तहत नदियों का 80 फीसदी पानी तो पाकिस्तान को दिया ही गया, पाकिस्तान में नहर बनाई जाए, इसके लिए पंडित नेहरू ने पाकिस्तान को करोड़ों रुपये भी दिए थे। भारत बिना पाकिस्तान की मर्जी के अपने बांधों के अंदर की मिट्टी साफ नहीं करेगा। पाकिस्तान ने ऐसा लिखवा लिया था।

 

आज डिप्लोमैसी सिखा रहे, 26/11 के बाद बातचीत शुरू कर दी थी: पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस के लोग हमें जो डिप्लोमेसी का पाठ पढ़ा रहे हैं, उन्हें बता दूं कि 26/11 के इतने बड़े हमले के बाद विदेशी ताकतों के जवाब में कुछ सप्ताह बाद ही पाकिस्तान बात शुरू कर दी। एक का वीजा तक कैंसल नहीं किया, देश न्याय मांग रहा था और यूपीए सरकार पाकिस्तान के साथ व्यापार करने में लगी थी। मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा दे रही थी।

 

पीएम ने कहा किअब भारत ने पुरानी गलतियों को सुधारा है और ठोस निर्णय लिया है। सिंधु जल समझौते को देशहित में और किसानों के हित में निलंबित किया है। भारत ने तय कर दिया है कि खून और पानी साथ-साथ नहीं बह सकते।

 

2014 से पहले देश में असुरक्षा का जो माहौल था, उसे याद कर लोग सिहर जाते हैं। हर जगह पर अनाउंसमेंट होता था, रेलवे स्टेशन जाओ, मंदिर जाओ, बस स्टैंड पर जाओ, कहीं भी जाओ, ये अनाउंसमेंट होता था कि लावारिस वस्तुओं को हाथ मत लगाओ, बम हो सकता था। अब ये स्थिति नहीं है।

 

कांग्रेस की कमजोर सरकारों के कारण देश को कितनी जानें गंवानी पड़ी। हमें अपनों को खोना पड़ा। हमारी सरकार ने 11 साल में ये कर के दिखाया, जो बहुत बड़ा सबूत है। 2004 से 2014 के बीच आतंकी घटनाएं होती थीं, अब उसमें बड़ी कमी आई है। अगर हमारी सरकार आतंकवाद पर अटैक कर सकती है तो कांग्रेस सरकारों की ऐसी कौन से मजबूरी थी कि उसे फलने-फूलने दिया गया। पीएम ने कहा यह कांग्रेस की तुष्टिकरण की नीति थी जिसकी वजह से आतंक देश में फला-फूला।

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