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विश्व आदिवासी दिवस की तैयारियों को अंतिम रूप, चाईबासा में भव्य आयोजन की पूरी तैयारी*

 

चाईबासा: विश्व आदिवासी दिवस (9 अगस्त) को लेकर चाईबासा में जोर-शोर से तैयारियां चल रही हैं। सिंहभूम स्पोर्ट्स एसोसिएशन परिसर में इसको लेकर एक विशेष बैठक आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता इपील सामड ने की। बैठक में कार्यक्रम से संबंधित सभी कार्यों को अंतिम रूप दिया गया।

इस वर्ष के कार्यक्रम में 20 हजार से अधिक आदिवासी युवक-युवतियों, महिला-पुरुषों के शामिल होने की संभावना है। आयोजन समिति ने गवर्निंग बॉडी का भी गठन कर दिया है, जिसमें सभी समुदायों से एक-एक प्रतिनिधि को शामिल किया गया है। इसके अलावा, आयोजन समिति के सह-सचिव के रूप में मुंडा समाज के अध्यक्ष अशोक कुमार को चुना गया है।

कार्यक्रम में आदिवासी संस्कृति की झलक दिखाने वाले पारंपरिक नृत्य, संगीत और पारंपरिक वाद्य यंत्रों का प्रदर्शन किया जाएगा। रांची के प्रसिद्ध कलाकार भी रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुति देंगे।

जुलूस और सांस्कृतिक प्रदर्शन का आयोजन
कार्यक्रम की शुरुआत शहर के विभिन्न चौकों से जुलूस निकालकर की जाएगी। तांबो चौक, पोस्टऑफिस चौक, गितिलिपी चौक, महुलसाई, खपरसाई, सुपलसाई से लेकर कार्यक्रम स्थल तक सरना झंडा लगाया जाएगा।

कार्यक्रम स्थल पर पारंपरिक व्यंजनों और परिधानों के स्टॉल विशेष आकर्षण का केंद्र होंगे। साथ ही, आदिवासी परंपरा से जुड़े सेल्फी पॉइंट भी बनाए जा रहे हैं। महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए उनके साथ विशेष बैठकें की जा रही हैं।

सामूहिक पूजा और सम्मान समारोह
सुख-समृद्धि व शांति के लिए आदिवासी समुदाय के दिउरी और पहान द्वारा सामूहिक पूजा का आयोजन किया जाएगा। इस वर्ष जेपीएससी परीक्षा में सफल आदिवासी अभ्यर्थियों को भी आमंत्रित कर 9 अगस्त को सम्मानित किया जाएगा।

सूची मांगी गई, सुझाव पेटी भी लगेगी
बैठक में अध्यक्ष ने सभी समुदायों के प्रतिनिधियों से उत्कृष्ट कार्य करने वाले सदस्यों और संस्कृति टीम की सूची 6 अगस्त तक उपलब्ध कराने को कहा है। कार्यक्रम स्थल पर सुझाव पेटी भी लगाई जाएगी ताकि लोगों के विचारों को भी जगह मिल सके।

सैकड़ों लोग बैठक में हुए शामिल
बैठक में रवि बिरूली, संचू तिर्की, सहदेव किस्पोट्टा, बाबूलाल बरहा, दुर्गा खलखो, गब्बर सिंह हेंब्रम, लक्ष्मी बरहा, नागेश्वरी जारिक, अंकुश कच्छप, शीतल बागे, रीना चतार सहित सैकड़ों आदिवासी महिला-पुरुष शामिल हुए।

इस बार का विश्व आदिवासी दिवस समारोह आदिवासी परंपरा, संस्कृति और सामूहिकता का भव्य प्रतीक बनने जा रहा है।

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