झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन नहीं रहे, राज्य में शोक की लहर गुरुजी का जाना न केवल झारखंड की राजनीति के लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए एक गहरी क्षति: सुनील प्रसाद साव

चाईबासा: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद गुरुजी शिबू सोरेन के निधन की दुखद सूचना से पूरे राज्य में शोक की लहर दौड़ गई है। लंबे समय से बीमार चल रहे सोरेन जी ने सोमवार की सुबह अंतिम सांस ली। उनके निधन को राजनीतिक, सामाजिक और जनआंदोलन के क्षेत्र में एक अपूरणीय क्षति के रूप में देखा जा रहा है।
शिबू सोरेन केवल एक राजनेता नहीं थे, बल्कि वे आदिवासी समाज, किसानों, मजदूरों और वंचितों के सशक्त प्रतिनिधि माने जाते थे। उन्होंने अपना पूरा जीवन समाज के हक और अधिकार की लड़ाई में समर्पित कर दिया।
श्री श्री काली पूजा अमला टोला समिति के अध्यक्ष तथा वैश्य मोर्चा के जिला अध्यक्ष समाजसेवी सुनील प्रसाद साव ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि, शिबू सोरेन जी का जाना न केवल झारखंड की राजनीति के लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए एक गहरी क्षति है। उनकी सरलता, संघर्षशीलता और दूरदर्शिता आने वाली पीढ़ियों को हमेशा प्रेरणा देती रहेगी।
उन्होंने आगे कहा कि शिबू सोरेन का जीवन एक आदर्श और संघर्ष की मिसाल था। वे जनमानस के सच्चे अभिभावक थे। उनका निधन विशेषकर आदिवासी समाज के लिए एक बहुत बड़ा नुकसान है।
श्री साव ने ईश्वर से प्रार्थना की कि दिवंगत आत्मा को शांति मिले और शोक संतप्त परिवार को इस कठिन घड़ी में धैर्य और शक्ति प्रदान हो।
राज्यभर में नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं और आम जनता द्वारा शोक संवेदनाएं व्यक्त की जा रही हैं। झारखंड ने आज एक ऐसा नेतृत्व खो दिया है, जिसकी भरपाई कर पाना आसान नहीं होगा।