दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन पर रामहरि गोप ने जताया गहरा शोक
चाईबासा: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं आदिवासी नेता दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन पर आंबेडकराईट पार्टी ऑफ इंडिया के नेता रामहरि गोप ने गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि गुरुजी का जाना केवल एक नेता का निधन नहीं, बल्कि झारखंड की आत्मा पर गहरी चोट है।
रामहरि गोप ने कहा कि जिस नेता ने झारखंड की अस्मिता, पहचान और अधिकार के लिए पूरी जिंदगी संघर्ष में बिता दी, जेल की यातनाएं सही, वही नेता अपने अंतिम क्षण अपने राज्य में नहीं बिता सके। यह न केवल दुखद है, बल्कि राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर सवाल भी खड़े करता है।
उन्होंने कहा कि दिशोम गुरु को इलाज के लिए दिल्ली जाना पड़ा, जबकि उन्होंने जीवनभर जिस झारखंड के लिए खून-पसीना बहाया, उसी राज्य में उन्हें पर्याप्त चिकित्सा सुविधा नहीं मिल सकी। यह सत्ता और व्यवस्था की असफलता को उजागर करता है।
रामहरि गोप ने कहा कि यह विडंबना है कि जो नेता झारखंड को संवारने में जुटे रहे, उन्हें अपने अंतिम समय में भी अपनों के बीच वह सम्मान नहीं मिल सका, जिसके वे हकदार थे। उन्होंने कहा कि यह घटना हमें सोचने पर मजबूर करती है कि आज भी जनता की पीड़ा और जनसेवकों का सम्मान सिर्फ चुनावी नारा बनकर रह गया है।
उन्होंने दिशोम गुरु को संघर्ष, त्याग और जनसेवा की प्रतिमूर्ति बताते हुए कहा कि उनका जाना न केवल आदिवासी समाज के लिए, बल्कि झारखंड के राजनीतिक और सांस्कृतिक इतिहास के लिए एक गहरी क्षति है।
अंत में रामहरि गोप ने लोगों से अपील की कि हम केवल श्रद्धांजलि अर्पित कर रुक न जाएं, बल्कि उनके अधूरे सपनों को साकार करने और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए आगे आएं।















