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रेल हादसे से बाल-बाल बचा चक्रधरपुर रेल मंडल, 100 से अधिक पेंड्रोल क्लिप खुले मिले

न्यूज़ लहर संवाददाता
चक्रधरपुर। पश्चिम सिंहभूम जिला में दक्षिण पूर्व रेलवे के चक्रधरपुर रेल मंडल में एक बड़ी रेल दुर्घटना होते-होते टल गई। हावड़ा-मुंबई मुख्य रेल मार्ग पर स्थित मनोहरपुर थाना क्षेत्र के घाघरा गांव के पास लगभग 1.75 किलोमीटर की दूरी में तीसरी रेल लाइन पर 100 से अधिक पेंड्रोल क्लिप खुले पाए गए। ये पेंड्रोल क्लिप रेल पटरियों को ट्रैक से मजबूती से जोड़ने का काम करते हैं। यदि समय रहते यह खामी नहीं पकड़ी जाती, तो किसी भी गुजरती हुई ट्रेन के साथ बड़ा हादसा हो सकता था।

इस गंभीर तकनीकी गड़बड़ी का पता रेलवे के एक सतर्क कीमैन की वजह से चल पाया, जो नियमित पेट्रोलिंग पर था। ट्रैक पर इन खुले क्लिपों को देखकर उसने तुरंत पोसैता स्टेशन मास्टर को सूचना दी। सूचना मिलते ही रेलवे प्रशासन हरकत में आया और इस सेक्शन में ट्रेनों की आवाजाही को रोक दिया गया। तत्परता से ट्रैक की मरम्मत शुरू कर दी गई, जिससे एक संभावित दुर्घटना को टालने में सफलता मिली।

यह घटना सामने आने के बाद रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं। खासकर तब जब हाल के महीनों में झारखंड के कई हिस्सों में रेलवे को निशाना बनाने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। नक्सली गतिविधियों की आशंकाओं के बीच इस तरह की हरकत ने रेलवे स्टाफ और यात्रियों की सुरक्षा को लेकर चिंता को और बढ़ा दिया है। घटना को लेकर संदेह जताया जा रहा है कि यह सिर्फ तकनीकी चूक नहीं बल्कि किसी साजिश का हिस्सा भी हो सकता है।

रेलवे कर्मचारियों और स्थानीय नागरिकों की ओर से इस घटना की उच्चस्तरीय जांच की मांग की जा रही है। साथ ही, यह भी मांग उठी है कि ट्रैक की सुरक्षा व्यवस्था को और पुख्ता किया जाए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों। दोषियों को जल्द से जल्द चिन्हित कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता बताई जा रही है।

रेलवे प्रशासन ने जांच प्रक्रिया शुरू कर दी है और पूरे ट्रैक पर निगरानी बढ़ा दी गई है। यह घटना एक चेतावनी के रूप में सामने आई है कि सुरक्षा में किसी भी प्रकार की लापरवाही यात्रियों की जान पर भारी पड़ सकती है। इसलिए जरूरी है कि हर स्तर पर चौकसी बरती जाए और रेल पटरियों की नियमित निगरानी को और बेहतर बनाया जाए।

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