चाईबासा : “एक पेड़ मां के नाम अभियान-2.0” और वन्य जीव सुरक्षा पर डीसी ने दी सख्त हिदायत, मिशन मोड में चलेगा वृक्षारोपण अभियान

चाईबासा। पश्चिमी सिंहभूम जिला समाहरणालय स्थित एनआईसी सभागार से बुधवार को जिला दंडाधिकारी-सह-उपायुक्त चंदन कुमार की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दो अहम विषयों पर जिला स्तरीय बैठक का आयोजन किया गया। यह बैठक “एक पेड़ मां के नाम अभियान-2.0” से जुड़ी जिला स्तरीय वृक्षारोपण समिति और विद्युत स्पर्शाघात से हाथियों एवं अन्य वन्य जीवों की मृत्यु की रोकथाम हेतु गठित अनुश्रवण समिति के साथ की गई। बैठक में जिला परिषद अध्यक्षा सुश्री लक्ष्मी सुरेन ने विशेष रूप से भाग लिया।
बैठक में बताया गया कि “एक पेड़ मां के नाम अभियान-2.0” का द्वितीय चरण 5 जून से 30 सितंबर 2025 तक संचालित किया जा रहा है, जिसके अंतर्गत जिलेभर में कुल 1,97,310 पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। अभी तक सरकारी विद्यालयों के माध्यम से 46,120 पौधे लगाए जा चुके हैं और 15 अगस्त 2025 तक 98,655 पौधे लगाए जाने का लक्ष्य है। इस अभियान के लिए करीब 98,000 पौधे जिले के विभिन्न वन प्रमंडलों से निःशुल्क प्राप्त किए जाएंगे।
उपायुक्त चंदन कुमार ने निर्देश दिया कि इस अभियान को मिशन मोड में चलाया जाए। उन्होंने कहा कि पौधारोपण की प्रत्येक गतिविधि का दस्तावेजीकरण कर संबंधित फोटोग्राफ विभागीय वेबसाइट पर अनिवार्य रूप से अपलोड किया जाए। इसके साथ ही उन्होंने सभी निजी विद्यालयों को भी इस अभियान में शामिल करने तथा संबंधित वन प्रमंडलों से समन्वय कर पौधों की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
डीसी ने यह भी स्पष्ट किया कि जिले के सभी 2064 विद्यालयों में इको क्लब का गठन अनिवार्य रूप से किया जाए। फिलहाल 1159 विद्यालयों में ही इको क्लब गठित हो पाए हैं, जिसे शेष विद्यालयों में भी शीघ्र सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।
इसी बैठक के क्रम में वन्य जीवों विशेषकर हाथियों की विद्युत स्पर्शाघात से हो रही मौतों की रोकथाम पर गंभीर चर्चा हुई। उपायुक्त ने ऊर्जा विभाग के कार्यपालक अभियंता को निर्देशित किया कि विशेष रूप से वन क्षेत्रों और हाथी मार्गों में विद्युत संचरण तारों की ऊंचाई की समय-समय पर निगरानी की जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी तार निर्धारित गाइडलाइन के अनुरूप ऊंचाई पर ही हों, जिससे किसी भी प्रकार की दुर्घटना से बचा जा सके।
बैठक में वन प्रमंडल पदाधिकारी, अपर उपायुक्त, सभी एसडीओ, जिला शिक्षा पदाधिकारी, विद्युत प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता, प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी और सी-3 प्रतिनिधियों सहित अन्य संबंधित पदाधिकारी व प्रतिनिधि मौजूद रहे।
यह बैठक जिला प्रशासन की पर्यावरण संरक्षण और वन्य जीव सुरक्षा की दिशा में प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जहां योजनाओं को केवल कागजों तक सीमित न रखकर धरातल पर प्रभावी रूप से क्रियान्वित करने पर बल दिया जा रहा है।