राहुल गांधी को चाईबासा अदालत में पेश होना पड़ा, भाजपा बोली बयान से पलटे, झूठ की राजनीति हुई बेनकाब

चाईबासा: कांग्रेस नेता राहुल गांधी को बुधवार को चाईबासा के एमपी/एमएलए न्यायालय में पेश होना पड़ा। मामला भारतीय जनता पार्टी पश्चिमी सिंहभूम जिला के महामंत्री प्रताप कटियार द्वारा दायर मानहानि केस से जुड़ा था, जिसमें राहुल गांधी के वर्ष 2018 में दिए गए विवादित बयान पर आपत्ति जताई गई थी।
गौरतलब है कि राहुल गांधी ने कथित रूप से एक जनसभा में कहा था कि “कोई भी हत्यारा कांग्रेस में गृह मंत्री नहीं बन सकता, जैसा कि भाजपा में हुआ।” इस बयान को लेकर भाजपा नेताओं ने आपत्ति जताई थी और इसे मानहानिजनक करार दिया था।
भाजपा जिला अध्यक्ष संजय पांडे ने प्रेस को बताया कि सुनवाई के दौरान राहुल गांधी को स्वयं उपस्थित होना पड़ा, जहां उन्हें अदालत से जमानत मिली। मगर उन्होंने अदालत में अपने पहले के बयान से पलटते हुए कहा कि उन्होंने ऐसा कोई बयान कभी दिया ही नहीं।
भाजपा ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह राहुल गांधी की राजनीतिक शैली बन चुकी है – बिना आधार के बयान देना और फिर कोर्ट में मुकर जाना। जिला अध्यक्ष पांडे ने कहा कि राहुल गांधी को हाल के वर्षों में विभिन्न न्यायालयों से कई मामलों में फटकार भी मिली है, जिनमें मानहानि, संसदीय कार्यवाही में अनुचित व्यवहार, और चुनावी भाषणों में भ्रामक तथ्यों का प्रयोग शामिल है।
भाजपा का कहना है कि राहुल गांधी कई मामलों में केवल जमानत पर चल रहे हैं और उनकी राजनीति अब झूठ और भ्रम फैलाने पर आधारित रह गई है। जनता अब उनके दोहरे चरित्र और गैर-जिम्मेदाराना बयानों को पहचान चुकी है।
भाजपा, पश्चिमी सिंहभूम के अनुसार, यह मुकदमा सत्य और न्याय की जीत की दिशा में एक अहम कदम है और यह झूठे व बेबुनियाद आरोपों की राजनीति पर रोक लगाएगा। भाजपा ने कहा कि जनता का विश्वास आज भी न्याय व्यवस्था पर अडिग है।