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खेल और मेलों की आड़ में नशे का धंधा, एंटी करप्शन ऑफ इंडिया का प्रशासन पर बड़ा आरोप

 

चाईबासा: ग्रामीण क्षेत्रों में आयोजित हो रहे फुटबॉल टूर्नामेंट, सांस्कृतिक कार्यक्रम और मेलों को लेकर एंटी करप्शन ऑफ इंडिया संगठन ने गंभीर आरोप लगाए हैं। संगठन का कहना है कि इन आयोजनों के नाम पर अब खेल और संस्कृति नहीं, बल्कि शराब, जुआ और नशे का खुला कारोबार हो रहा है, जिससे युवाओं का भविष्य अंधकारमय होता जा रहा है।

संगठन के प्रदेश अध्यक्ष रामहरि गोप ने कहा कि “यह सिर्फ कानून तोड़ने की बात नहीं है, बल्कि पूरी एक पीढ़ी को बर्बाद करने की साजिश रची जा रही है। प्रशासन की चुप्पी इस गंदे खेल को संरक्षण देने जैसा है।” उन्होंने पश्चिम सिंहभूम के उपायुक्त को इस संबंध में ज्ञापन सौंपते हुए 7 दिनों के भीतर ठोस कार्रवाई की मांग की है।

रामहरि गोप ने चेतावनी दी कि यदि निर्धारित समयसीमा के भीतर प्रशासन ने कदम नहीं उठाया, तो संगठन सड़क पर जन-आंदोलन शुरू करेगा, झारखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका (PIL) दायर की जाएगी, साथ ही राज्य मानवाधिकार आयोग व राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) में भी शिकायत की जाएगी। इसके अलावा संबंधित अधिकारियों की व्यक्तिगत जिम्मेदारी तय करने की कानूनी प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी।

मुख्य आरोपों में शामिल हैं:

नकली और विदेशी शराब की खुलेआम बिक्री

सार्वजनिक स्थानों पर जुआ-सट्टा (हब्बा डब्बा) का संचालन

नशे की हालत में उपद्रव और महिलाओं से छेड़छाड़ की घटनाएं

युवाओं का नशा और अपराध की ओर बढ़ना

पारिवारिक कलह और सामाजिक विघटन

रामहरि गोप ने कहा कि इन सभी कृत्यों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 272, 273, 294, 354, 509, झारखंड आबकारी अधिनियम 1915, सार्वजनिक जुआ अधिनियम 1867 और मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम 1993 के तहत कार्रवाई की जानी चाहिए।

उन्होंने दो टूक कहा, “यह केवल अवैध कारोबार नहीं, बल्कि हमारे समाज और आने वाली पीढ़ी पर सीधा हमला है। प्रशासन चाहे तो 24 घंटे में इस गंदे कारोबार को खत्म कर सकता है, लेकिन यदि कार्रवाई नहीं हुई, तो हम यह लड़ाई सड़क से लेकर अदालत तक हर स्तर पर लड़ेंगे।”

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