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बैंकों में जमा राशियों को तुरंत राज्य की समेकित निधि में जमा किया जाएः सरयू राय सरयू राय ने प्रदेश के वित्त मंत्री को पत्र लिखकर जताई चिंता

 

जमशेदपुर। जमशेदपुर पश्चिमी के विधायक सरयू राय ने प्रदेश के वित्त मंत्री को पत्र लिखकर विभिन्न बैंकों में विभागों, प्रमंडलों एवं जिलों द्वारा जमा की गई अव्यवहृत राशियों को अविलंब राज्य की समेकित निधि में जमा कराने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि इन राशियों के मद में बैंक खातों में अर्जित ब्याज की राशि भी वापस समेकित निधि में जमा की जानी चाहिए, क्योंकि ऐसा न करना वित्तीय अनुशासन के विरुद्ध है।

वित्त मंत्री को लिखे पत्र में श्री राय ने उल्लेख किया कि राज्य के विभिन्न विभागों, प्रमंडलों और खासकर कार्य विभागों में खर्च नहीं हो सकी राशि के आंकड़े सिविल डिपोजिट, पीएल खाता और लोकलेखा के विभिन्न शीर्षों में स्पष्ट रूप से दर्ज हैं। वित्त विभाग ने 24 दिसंबर 2014 को पत्र जारी कर बैंकों में रखी अव्यवहृत राशि को संबंधित विभाग के राजस्व शीर्ष में वापस जमा करने का निर्देश दिया था, लेकिन इसमें यह स्पष्ट नहीं था कि राशि स्थापना व्यय की है, राज्य योजना या केंद्रीय योजना की राज्यांश/केंद्रांश राशि है।

उन्होंने पत्र में बताया कि 9 जुलाई 2020 और 11 फरवरी 2022 को प्रधान महालेखाकार, झारखंड ने इस विषय पर राज्य सरकार का ध्यान आकर्षित किया था। इसके बाद वित्त विभाग और महालेखाकार कार्यालय के बीच विचार-विमर्श कर स्पष्ट व्यवस्था बनाई गई कि बैंक खातों में जमा राजस्व मद की राशि या अवशेष राशि को उस विभाग और शीर्ष के अनुसार समेकित निधि में जमा किया जाएगा, जहां से यह राशि प्राप्त हुई थी।

श्री राय ने कहा कि स्थापना मद, राज्य योजना मद, केंद्रीय क्षेत्र योजना मद और केंद्र प्रायोजित योजना मद के राज्यांश एवं केंद्रांश की अधिक या अनपेक्षित निकासी, अथवा निकासी के बाद बची राशि को भी संबंधित शीर्षों में समेकित निधि में जमा किया जाना चाहिए। यही नियम पूंजीगत व्यय शीर्ष के अंतर्गत भी लागू होगा।

यदि किसी बैंक खाते में जमा राशि का विभाग तो पता है लेकिन निकासी शीर्ष ज्ञात नहीं है, तो राशि संबंधित विभाग के राजस्व व्यय के मुख्य एवं उप मुख्य शीर्ष में जमा की जाएगी। वहीं, यदि विभाग और शीर्ष दोनों की जानकारी नहीं है, तो ऐसी राशि को विविध सामान्य सेवाएं के अंतर्गत अधिक अदायगियों की वसूली शीर्ष में समेकित निधि में जमा किया जाएगा।

महालेखाकार और राज्य सरकार के बीच सहमति के अनुसार, विभिन्न विभागों द्वारा बैंक खातों में जमा राशियों पर अर्जित ब्याज को भी समेकित निधि के मुख्य शीर्ष ब्याज प्राप्तियां में दर्ज किया जाएगा, जिसमें राज्य/संघ राज्य क्षेत्र सरकारों से ब्याज, अव्ययित शेष पर गारंटियों से ब्याज और बैंक खातों में अर्जित ब्याज के उपशीर्ष शामिल होंगे।

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