पश्चिमी सिंहभूम पुलिस ने मुठभेड़ में मारे गए नक्सली एरिया कमांडर वरुण के पास से बरामद किए लूटे गए हथियार, प्रेस कांफ्रेंस में खुलासा

न्यूज़ लहर संवाददाता
चाईबासा।पश्चिमी सिंहभूम जिला में झारखंड पुलिस और कोबरा 209 बटालियन की संयुक्त कार्रवाई में प्रतिबंधित नक्सली संगठन भा.क.पा. (माओवादी) को करारा झटका लगा है। हाल ही में गोईलकेरा थाना क्षेत्र के दुगुनिया, पोसैता और तुम्बागाड़ा के जंगल व पहाड़ी इलाके में हुई मुठभेड़ में संगठन का कुख्यात एरिया कमांडर अरुण उर्फ वरुण उर्फ निलेश मदकम (थाना कोन्टा, जिला सुकमा, छत्तीसगढ़) ढेर हो गया था। मुठभेड़ के बाद सर्च अभियान में पुलिस ने वरुण के पास से भारी मात्रा में हथियार व सामग्री बरामद की, जिनमें पुलिस से लूटे गए चार एस.एल.आर. राइफल भी शामिल हैं।
गुप्त सूचना से शुरू हुआ था अभियान
पश्चिमी सिंहभूम के पुलिस अधीक्षक ने शक्रवार को प्रेस कांफ्रेंस में पूरी घटना का ब्यौरा देते हुए बताया कि 12 अगस्त 2025 को पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि नक्सली संगठन के शीर्ष नेता — मिसिर बेसरा, अनमोल, मोछु, अनल, असीम मंडल, अजय महतो, सागेन अंगरिया, अश्विन — अपने दस्ता कमांडरों रवि सरदार, जयकांत, वरुण, संदीप, शिवा, रिसीभ, अपटन, सनत, अमित मुंडा, भुनेश्वर उर्फ सालुका कायम सोमवारी और अन्य सदस्यों के साथ कोल्हान क्षेत्र में स्वतंत्रता दिवस पर बड़ी घटना को अंजाम देने की योजना बना रहे हैं।
इस सूचना की पुष्टि होते ही चाईबासा पुलिस और कोबरा 209 बटालियन की संयुक्त टीम का गठन किया गया और अपर पुलिस अधीक्षक (अभियान), चाईबासा तथा कोबरा कमांडेंट के नेतृत्व में 13 अगस्त 2025 को अभियान शुरू हुआ।
मुठभेड़ में ढेर हुआ वरुण
अभियान के दौरान गोईलकेरा थाना क्षेत्र के दुगुनिया, पोसैता और तुम्बागाड़ा के आसपास घने जंगल और दुर्गम पहाड़ी इलाके में नक्सलियों से मुठभेड़ हुई। जवाबी कार्रवाई में माओवादी संगठन का एरिया कमांडर वरुण मारा गया। उसकी पहचान छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के कोन्टा थाना क्षेत्र के निवासी के रूप में हुई।
वरुण के पास से बरामद हुए हथियार
मुठभेड़ के बाद इलाके में बड़े पैमाने पर सर्चिंग अभियान चलाया गया। इस दौरान चार एस.एल.आर. राइफल (जो पहले पुलिस से लूटी गई थीं), 527 जिंदा कारतूस, नौ एस.एल.आर. मैगजीन, नौ खोखा, एक एल.एम.जी. मैगजीन, तीन डेटोनेटर, पांच मैगजीन पाउच, छह पिट्ठू बैग, तीन नक्सली वर्दी, नक्सली पर्चा, 18 बैटरियां, एक जोड़ी जंगल शूज, एक बेल्ट और अन्य दैनिक उपयोग की वस्तुएं बरामद की गईं।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि बरामद हथियारों में अधिकांश वे हैं जो नक्सलियों ने पहले पुलिस बलों पर हमले के दौरान लूटे थे। उन्होंने कहा कि यह बरामदगी नक्सलियों की बड़ी क्षति है और इससे उनकी हिंसक गतिविधियों पर रोक लगेगी।
नक्सलियों से आत्मसमर्पण की अपील
पुलिस अधीक्षक ने प्रेस कांफ्रेंस में शेष नक्सलियों से हिंसा का रास्ता छोड़कर आत्मसमर्पण करने की अपील की। उन्होंने झारखंड सरकार की नई आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति की जानकारी देते हुए बताया कि अब आत्मसमर्पित नक्सलियों को 24 घंटे के भीतर ओपन जेल में स्थानांतरित करने का प्रावधान है, जिससे वे सुरक्षित माहौल में समाज की मुख्यधारा में लौट सकें।
उन्होंने कहा कि झारखंड पुलिस और सुरक्षा बल कोल्हान-सारंडा क्षेत्र में सक्रिय नक्सल दस्तों पर लगातार अभियान चला रहे हैं और जब तक क्षेत्र पूरी तरह नक्सलमुक्त नहीं हो जाता, यह कार्रवाई जारी रहेगी।
यह पूरी सफलता चाईबासा जिला पुलिस और कोबरा 209 बटालियन की संयुक्त रणनीति, बेहतर खुफिया सूचना और साहसिक कार्रवाई का परिणाम है।