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अपने लोगों के बीच लाया गया रामदास सोरेन का शव– घर पहुँचे पार्थिव शरीर देख चित्कार पड़े परीजन”देखें वीडियो 

 

जमशेदपुर। झारखंड आज गहरे शोक में डूबा है। राज्य के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता मंत्री स्वर्गीय रामदास सोरेन का पार्थिव शरीर शनिवार को उनके पैतृक आवास गोड़ाबघा, गोविन्दपुर थाना क्षेत्र पहुँचा। जैसे ही वाहन से शव को उतारा गया, पूरा इलाका करुण क्रंदन और “रामदास सोरेन अमर रहें” के नारों से गूंज उठा।

 

परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था, वहीं समर्थक और शुभचिंतक उन्हें अंतिम बार देखने के लिए टूट पड़े। भीड़ में हर किसी की आँखें नम थीं। बुजुर्ग, महिलाएँ और युवा—सभी के चेहरों पर अपने नेता को खो देने का गम साफ झलक रहा था। वातावरण इतना भावुक था कि हर कोई यही कह रहा था – “रामदास सोरेन जैसे नेता बार-बार पैदा नहीं होते।”

 

लोगों ने याद किया कि सोरेन जी ने अपने राजनीतिक जीवन में सदैव वंचितों, गरीबों और आदिवासी समाज के उत्थान के लिए संघर्ष किया। वे शिक्षा को समाज सुधार का सबसे बड़ा हथियार मानते थे। उनके प्रयासों से कई ग्रामीण इलाकों में स्कूल खुले, बच्चों को छात्रवृत्ति मिली और गरीब परिवारों के बच्चों को पढ़ाई का अवसर मिला।

 

उनकी सादगी और मिलनसार स्वभाव की मिसाल देते हुए स्थानीय लोगों ने कहा, “वह कभी नेता की तरह नहीं, बल्कि परिवार के सदस्य की तरह सबके बीच रहते थे। हर दुख-सुख में शामिल होते थे।”

 

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं ने भी गहरी संवेदना प्रकट करते हुए कहा कि उनका जाना झारखंड की राजनीति और शिक्षा जगत की अपूरणीय क्षति है।

 

गोड़ाबघा में उमड़ी भीड़ ने यह साबित कर दिया कि रामदास सोरेन केवल एक मंत्री नहीं, बल्कि जनता के सच्चे सेवक थे। आज पूरा झारखंड उन्हें आँसुओं और श्रद्धांजलि के साथ अंतिम विदाई देने की तैयारी कर रहा है।

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