पंचतत्व में विलीन हुए झारखंड के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन – अंतिम यात्रा में उमड़ा जनसैलाब”

जमशेदपुर। झारखंड आज शोकाकुल है। राज्य के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता मंत्री स्वर्गीय रामदास सोरेन अब पंचतत्व में विलीन हो गए। शनिवार की शाम उनका अंतिम संस्कार उनके आवास से लगभग दो-तीन किलोमीटर दूर धुआं कॉलोनी स्थित श्मशान घाट पर किया गया। जैसे ही चिता की लपटें उठीं, हर किसी की आँखें अश्रुपूरित हो गईं।
उनके पैतृक आवास गोड़ाबघा से अंतिम यात्रा निकाली गई तो मानो पूरा इलाका उमड़ पड़ा। लगभग डेढ़ से दो किलोमीटर लंबी यात्रा में हर तबके के लोग शामिल हुए – बुजुर्ग, महिलाएँ, नौजवान, बच्चे, समर्थक और शुभचिंतक सभी नम आँखों से अपने प्रिय नेता को अंतिम विदाई देने चल पड़े। सड़क किनारे खड़े लोग हाथ जोड़कर श्रद्धांजलि दे रहे थे। पूरा वातावरण “रामदास सोरेन अमर रहें” और “झारखंड तुम्हें याद करेगा” जैसे नारों से गूंज उठा।
अंतिम संस्कार के अवसर पर बड़ी संख्या में राजनीतिक और सामाजिक हस्तियाँ भी मौजूद रहीं। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी, मंत्री दीपिका पांडे सिंह, झामुमो के प्रदेश प्रवक्ता कुणाल सारंगी, विधायक मंगल कालिंदी, विधायक समीर मोहंती, दर्शन विधायक और कई वरिष्ठ नेता उपस्थित रहे। जिला प्रशासन की ओर से भी बड़े पैमाने पर तैयारी की गई थी ताकि जनसैलाब को संभाला जा सके।
श्मशान घाट पर हर किसी की आँखें नम थीं। लोग आपस में चर्चा कर रहे थे कि रामदास सोरेन का जाना झारखंड की बहुत बड़ी क्षति है। उनकी सादगी, जनपक्षीय छवि और शिक्षा सुधार के प्रति उनके अथक प्रयासों को लंबे समय तक याद किया जाएगा।
लोगों ने भावुक होकर कहा कि सोरेन जी ने शिक्षा को हथियार बनाकर समाज को जागरूक करने का काम किया। गरीब और वंचित तबके के लिए वे हमेशा सबसे आगे खड़े रहते थे। उनके निधन से जो खालीपन पैदा हुआ है, उसकी भरपाई निकट भविष्य में संभव नहीं।
शनिवार की यह शाम झारखंड की राजनीति और समाज सेवा के इतिहास में हमेशा याद की जाएगी – जब हजारों आँखें नम थीं, और एक जनप्रिय नेता रामदास सोरेन पंचतत्व में समा गए।