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पहली बार आदिवासी समाज से छोटेलाल तामसोय बने चैंबर ऑफ कॉमर्स के उपाध्यक्ष* 

 

चाईबासा: पश्चिमी सिंहभूम जिले के प्रतिष्ठित व्यावसायिक संगठन पश्चिमी सिंहभूम चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के चुनाव में इस बार इतिहास रचा गया है। नवागांव (झींकपानी) निवासी छोटेलाल तामसोय उपाध्यक्ष पद पर निर्वाचित होकर इस पद पर पहुंचने वाले पहले आदिवासी बन गए हैं। चुनाव परिणाम कल घोषित किया गया, जिसमें तामसोय को भारी मतों से जीत मिली। उनकी इस सफलता पर आदिवासी समाज के विभिन्न संगठनों और स्थानीय नागरिकों द्वारा बधाइयों का सिलसिला जारी है।

 

छोटेलाल तामसोय “हो” आदिवासी समुदाय से आते हैं और उन्होंने अपने कारोबारी सफर की शुरुआत महज 25 हजार रुपये की पूंजी और 20 बोरी सीमेंट से की थी। आज उनका व्यवसाय 60 से 70 लाख रुपये सालाना टर्नओवर तक पहुंच गया है। चाईबासा के समीप बिरुवा नगर में उनकी दुकान तामसोय सेल्स एंड सर्विस के नाम से जानी जाती है, जहां सीमेंट के साथ-साथ हार्डवेयर और अन्य बिल्डिंग मैटेरियल्स की बिक्री होती है।

 

छोटेलाल तामसोय ने बताया कि व्यवसायिक यात्रा आसान नहीं रही। कई बार कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, लेकिन धैर्य और मेहनत के दम पर उन्होंने हर चुनौती को पार किया। आज वे जिले के आदिवासी समाज में प्रेरणा का स्रोत बन चुके हैं।

 

व्यवसाय में आने से पहले तामसोय ने कई सरकारी और निजी क्षेत्रों में काम किया। वे पहले सरकारी स्कूल में तीन वर्षों तक शिक्षक रहे। इसके बाद महिला विकास निगम पटना में प्लानिंग एंड मॉनिटरिंग ऑफिसर, झारखंड ट्राइबल डेवलपमेंट सोसायटी में सीडीपीओ और अंत में नगर परिषद चाईबासा में कैपेसिटी बिल्डिंग एंड इंस्टीच्यूशनल डेवलपमेंट ऑफिसर के पद पर कार्यरत रहे।

 

शिक्षा की बात करें तो तामसोय की स्कूली पढ़ाई जमशेदपुर के संत जोसेफ हाई स्कूल से हुई। उन्होंने इतिहास में बीए और एमए की पढ़ाई रांची विश्वविद्यालय से पूरी की। इसके बाद जेवियर्स इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल सर्विसेज (XISS) रांची से ग्रामीण प्रबंधन की पढ़ाई की।

 

उपाध्यक्ष पद पर तामसोय का निर्वाचन न सिर्फ उनके लिए बल्कि पूरे आदिवासी समाज के लिए गौरव की बात है। उनके इस सफर से यह साबित होता है कि लगन, मेहनत और सही दिशा हो तो किसी भी मुकाम को पाया जा सकता है।

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