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स्पॉन्सरशिप और फोस्टर केयर योजना के तहत 108 बच्चों को मिली मंजूरी,चार हजार रुपए प्रति माह मिलेगा वित्तीय सहायता

 

चाईबासा। पश्चिमी सिंहभूम जिला समाहरणालय सभागार में सोमवार को आयोजित समीक्षात्मक बैठक में बच्चों के संरक्षण और कल्याण योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की गई। इस दौरान स्पॉन्सरशिप-फोस्टर केयर अनुमोदन समिति की बैठक में 101 नए बच्चों को स्पॉन्सरशिप योजना और 7 बच्चों को फोस्टर केयर योजना से जोड़ने की मंजूरी दी गई। इन दोनों योजनाओं के तहत चयनित बच्चों को ₹4000 प्रतिमाह वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।

बैठक की अध्यक्षता जिला दंडाधिकारी सह उपायुक्त चंदन कुमार ने की। इसमें सहायक समाहर्ता सिद्धांत कुमार, जिला श्रम अधीक्षक अविनाश ठाकुर, सहायक निदेशक सामाजिक सुरक्षा कोषांग खुशेन्द्र सोनकेसरी, जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी श्रीमती पुनीता तिवारी सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे। उपायुक्त ने कहा कि बच्चों के सर्वांगीण विकास और उज्ज्वल भविष्य के लिए राज्य और केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ पारदर्शी और समयबद्ध तरीके से लाभुकों तक पहुंचना आवश्यक है।

बैठक में मिशन वात्सल योजना के अंतर्गत संचालित स्पॉन्सरशिप, फोस्टर केयर और बाल देखरेख संस्थानों की प्रगति रिपोर्ट का अवलोकन किया गया। श्रम विभाग से मिले सर्वे के आधार पर ईंटा भट्ठों में काम करने वाले मजदूरों के बच्चों की पढ़ाई सुनिश्चित करने हेतु शिक्षा विभाग को नजदीकी विद्यालयों की पहचान कर नामांकन कराने का निर्देश दिया गया। साथ ही चक्रधरपुर में विशेष दत्तक ग्रहण एजेंसी संचालन के लिए खाली पड़े विद्यालय भवन का हस्तांतरण शीघ्र पूरा करने को भी कहा गया।

बैठक में उपायुक्त ने बाल तस्करी की रोकथाम पर जोर देते हुए चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 और समेकित हेल्पलाइन 112 को सभी विद्यालयों एवं आंगनबाड़ी केंद्रों में अंकित कराने और पोस्टर के माध्यम से प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। इसके अलावा बाल देखभाल गृह के अधीक्षक को बच्चों के कौशल विकास के लिए गैर सरकारी संस्थाओं के साथ गैर-वित्तीय एमओयू करने को भी कहा गया।

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