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वरीय पुलिस अधीक्षक से निष्पक्ष जांच और सुरक्षा की गुहार

 

जमशेदपुर। परसूडीह थाना कांड संख्या 36/2025 में जेल जा चुकी मंजू देवी, संजु देवी और सुनीता साह ने सोमवार को वरीय पुलिस अधीक्षक, पूर्वी सिंहभूम को आवेदन देकर मामले की निष्पक्ष जांच और अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है। उनका कहना है कि मृतक संजय श्रीवास्तव की मौत में उनका कोई हाथ नहीं है, लेकिन वादिनी सुप्रिया श्रीवास्तव ने झूठा आरोप लगाकर उन्हें और उनके नौ रिश्तेदारों को फंसा दिया। अब जमानत पर बाहर आने के बाद उन्हें लगातार जान से मारने और नए मुकदमे में फंसाने की धमकी मिल रही है।

महिलाओं ने अपने आवेदन में लिखा है कि 17 मार्च की रात मृतक शराब के नशे में महिलाओं से अभद्र व्यवहार कर रहा था। इसी दौरान विवाद हुआ और बाद में उसे टाटा मोटर्स अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई। उनका कहना है कि वे सभी उसी रात परसूडीह थाना में मौजूद थे और सीसीटीवी फुटेज इसकी पुष्टि कर सकता है। आरोप है कि मृतक की बेटियों ने ही पिता से मारपीट की थी और इसका वीडियो भी मौजूद है। इसके बावजूद पुलिस ने एकतरफा कार्रवाई करते हुए उन्हें जेल भेज दिया।

पीड़िताओं ने यह भी आरोप लगाया कि जेल जाने के दौरान पुलिस ने उनके घर की चाबियां अपने पास रख ली थीं। बाद में वादिनी पक्ष के लोग उन घरों का ताला तोड़कर सामान चोरी कर ले गए। अब जब वे जमानत पर बाहर आई हैं तो धमकी दी जा रही है कि घर लौटने पर उनकी हत्या कर दी जाएगी।

उन्होंने वरीय पुलिस अधीक्षक से मांग की है कि मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए, घर की चाबियां लौटाई जाएं, चोरी की घटना पर कार्रवाई हो और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। पीड़ित महिलाओं का कहना है कि यदि समय रहते उचित कदम नहीं उठाए गए तो उन्हें न्याय मिलना मुश्किल हो जाएगा।

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