रामदास सोरेन की जगह बेटा बनेगा मंत्री, सोमेश सोरेन को कैबिनेट में जगह मिलने की चर्चा तेज

न्यूज़ लहर संवाददाता
रांची : झारखंड की राजनीति में एक बार फिर परंपरा दोहराई जाने वाली है। दिवंगत मंत्री रामदास सोरेन की जगह अब उनके बेटे सोमेश सोरेन को मंत्री बनाए जाने की संभावना बेहद प्रबल मानी जा रही है। राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा जोरों पर है कि हेमंत सोरेन कैबिनेट में जल्द ही सोमेश को शामिल किया जाएगा।
सोमवार को राज्य सरकार ने अधिसूचना जारी कर रामदास सोरेन द्वारा संभाले जा रहे विभागों का कार्यभार फिलहाल मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पास रख लिया। किसी अन्य मंत्री को यह जिम्मेदारी नहीं दी गई है। इस फैसले के बाद यह अटकलें और मजबूत हो गई हैं कि शोक अवधि के बाद जल्द ही सोमेश को न केवल कैबिनेट में जगह दी जाएगी बल्कि उन्हें शिक्षा विभाग जैसे अहम मंत्रालय का कार्यभार भी सौंपा जा सकता है।
झारखंड की राजनीति में यह परंपरा रही है कि यदि किसी मंत्री का निधन हो जाता है तो उनके परिवार के किसी सदस्य को मंत्री पद देकर राजनीतिक और सामाजिक संतुलन बनाए रखा जाता है। इसके कई उदाहरण पहले भी सामने आ चुके हैं। हाजी हुसैन अंसारी के निधन के बाद उनके बेटे हफीजुल अंसारी को मंत्री बनाया गया था, जबकि जगन्नाथ महतो के निधन के बाद उनकी पत्नी बेबी देवी को पहले मंत्री पद दिया गया और फिर उन्हें डुमरी विधानसभा सीट से उपचुनाव लड़वाया गया। हालांकि 2024 के चुनाव में बेबी देवी को हार का सामना करना पड़ा था।
इसी परंपरा के अनुरूप माना जा रहा है कि पहले सोमेश सोरेन को मंत्री पद दिलाया जाएगा और फिर पिता की परंपरागत सीट घाटशिला से उन्हें उपचुनाव में उतारा जाएगा। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि ऐसे मामलों में सहानुभूति वोट के साथ-साथ मंत्री पद की प्रतिष्ठा भी जनता को प्रभावित करती है, जिससे चुनावी फायदा मिलता है।
कुल मिलाकर, विधानसभा सत्र के बाद यह लगभग तय माना जा रहा है कि सोमेश सोरेन हेमंत कैबिनेट में शामिल होंगे और अपने पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाएंगे।