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जमशेदपुर में गैस सिलेंडर घोटाला: उपभोक्ताओं के नाम पर बुकिंग कर एजेंसी संचालक कर रहे हैं अवैध बिक्री

 

जमशेदपुर। बाराद्वारी  स्थित लक्ष्मी  गैस एजेंसी के खिलाफ बड़े पैमाने पर गैस बुकिंग घोटाले और अवैध सिलेंडर बिक्री का मामला उजागर हुआ है। उपभोक्ताओं का कहना है कि एजेंसी संचालक बिना जानकारी दिए उनके नाम पर सिलेंडर की बुकिंग कर लेते हैं और उसे बाहर बेच देते हैं।

उपभोक्ताओं को सिर्फ सब्सिडी और ओटीपी

शहर के कई उपभोक्ताओं ने बताया कि उनके मोबाइल पर अक्सर गैस बुकिंग का ओटीपी और ₹31 सब्सिडी राशि का संदेश आता है, जबकि उन्हें गैस नही मिलता हैं  । यह इस बात का स्पष्ट सबूत है कि गैस एजेंसी उपभोक्ताओं के नाम पर बुकिंग कर उनके हिस्से का सिलेंडर किसी और को बेच रही है। उपभोक्ता के खाते में केवल सब्सिडी डालकर एजेंसी संचालक उन्हें धोखे में रखते हैं।

शिकायत पर टालमटोल और धमकी

जब उपभोक्ता इस गड़बड़ी की जानकारी लेकर एजेंसी पहुंचते हैं तो संचालक अनजान बनने का नाटक करते हैं। कुछ उपभोक्ताओं ने यह भी आरोप लगाया कि एजेंसी के कर्मचारी जांच की बात कहकर उन्हें टालते हैं या फिर धमकी देकर चुप कराने की कोशिश करते हैं।

सिलेंडर ऊंचे दामों पर अवैध रूप से बेचे जाते हैं

जानकारी के अनुसार, उपभोक्ताओं के नाम पर बुक किए गए सिलेंडरों को एजेंसी संचालक कारोबारी प्रतिष्ठानों को ऊंचे दामों पर बेच देते हैं। इस तरह उन्हें प्रति सिलेंडर ₹200 से ₹300 तक का अतिरिक्त फायदा होता है।

उपभोक्ताओं के अधिकारों पर डाका

यह पूरा मामला उपभोक्ताओं के हक पर सीधा डाका है। जिन परिवारों को सही समय पर सिलेंडर नहीं मिल पाता, वे महीनों परेशान रहते हैं, जबकि उनके नाम पर पहले से ही बुकिंग दिखा दी जाती है। त्योहारों और सर्दियों में यह समस्या और गंभीर हो जाती है।

प्रशासन और कंपनियों की भूमिका पर सवाल

स्थानीय लोग सवाल उठा रहे हैं कि इतनी बड़ी हेराफेरी लंबे समय से कैसे चल रही है और प्रशासन तथा तेल कंपनियां इस पर नजर क्यों नहीं रख पा रही हैं। उपभोक्ताओं का कहना है कि यदि इंडियन ऑयल और संबंधित विभाग नियमित निगरानी करें तो इस तरह की धोखाधड़ी तुरंत पकड़ी जा सकती है।

उपभोक्ताओं की मांग

गैस एजेंसियों की उच्चस्तरीय जांच की जाए।

उपभोक्ताओं के नाम पर की गई फर्जी बुकिंग का पूरा हिसाब सार्वजनिक किया जाए।

दोषी संचालकों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए।

गैस वितरण प्रणाली को पारदर्शी और उपभोक्ता हितैषी बनाया जाए।

इस घोटाले ने जमशेदपुर की गैस वितरण व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। उपभोक्ताओं का कहना है कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो लोगों का भरोसा पूरी तरह से टूट जाएगा।

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