अज़रबैजान से प्रत्यर्पित कर रांची लाई गई गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई की करीबी कड़ी सुनील मीणा

न्यूज़ लहर संवाददाता
रांची : गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और दिवंगत अपराधी अमन साहू का खास सहयोगी सुनील मीणा अब झारखंड पुलिस की गिरफ्त में है। शुक्रवार (23 अगस्त) को झारखंड एटीएस की टीम उसे अज़रबैजान से रांची लेकर पहुंची। एटीएस के एसपी ऋषभ झा के नेतृत्व में यह कार्रवाई की गई। रांची एयरपोर्ट पहुंचते ही मीणा को सीधे एटीएस मुख्यालय ले जाया गया, जहां से उसे कोर्ट में पेश कर रिमांड की मांग की जाएगी।
सुनील मीणा पर झारखंड के अलग-अलग जिलों में कुल 48 आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें सबसे अधिक मामले हजारीबाग जिले के बड़कागांव, केरेडारी, कोर्रा और सदर थाना क्षेत्रों में दर्ज हैं। इसके अलावा रांची, रामगढ़, पलामू और गिरिडीह में भी उसके खिलाफ कई गंभीर मामले लंबित हैं। राजस्थान के श्रीगंगानगर का रहने वाला मीणा, बिश्नोई गैंग का भरोसेमंद चेहरा माना जाता है। उसके खिलाफ राजस्थान और रायपुर में भी आपराधिक मामले दर्ज हैं।
बताया जाता है कि सुनील मीणा मलेशिया में काम करने के दौरान रोहित गोदारा, गोल्डी बरार और संपत नेहरा के जरिये लॉरेंस बिश्नोई के संपर्क में आया। वहीं से उसने आपराधिक गतिविधियों की शुरुआत की। उस पर आरोप है कि बिश्नोई के इशारे पर उसने राजस्थान और पंजाब में हत्या, गोलीबारी और जबरन वसूली जैसी घटनाओं को अंजाम दिया।
मीणा का प्रत्यर्पण झारखंड एटीएस की लंबी और रणनीतिक कार्रवाई का नतीजा है। रामगढ़ के पतरातू (भदानीनगर) थाना क्षेत्र में दर्ज कांड संख्या 175/22 की जांच के दौरान जुटाए गए साक्ष्यों के आधार पर उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया था। इसी नोटिस के आधार पर 29 अक्टूबर 2024 को अज़रबैजान में उसे हिरासत में लिया गया। इसके बाद बाकू की अदालत में मुकदमा चला और 27 जनवरी 2025 को अदालत ने भारत प्रत्यर्पण की अनुमति प्रदान कर दी।
अब रांची पहुंचने के बाद एटीएस उससे रिमांड पर कड़ी पूछताछ कर सकती है, ताकि उसके आपराधिक नेटवर्क और बिश्नोई गैंग से जुड़े कई राज उजागर हो सकें।