बीमा दावा गलत तरीके से अस्वीकार करने पर उपभोक्ता आयोग ने सुनाया फैसला

चाईबासा: जिला उपभोक्ता आयोग, पश्चिमी सिंहभूम, चाईबासा ने एक महत्वपूर्ण फैसले में बीमा कंपनी को उपभोक्ता को पूरी दावा राशि के साथ-साथ अतिरिक्त मुआवजा और मुकदमा खर्च देने का आदेश दिया है।
परिवादी अतुल कुमार, निवासी छोटा नीमडीह, चाईबासा ने वर्ष 2020 में अपने और अपने परिवार (पत्नी और पुत्री) के लिए केयर हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी से स्वास्थ्य बीमा कराया था। वे नियमित रूप से प्रीमियम का भुगतान कर रहे थे। वर्ष 2023 में उनकी पत्नी रूपा कुमारी की तबीयत अचानक खराब होने पर पहले चाईबासा के एक क्लीनिक में इलाज कराया गया और बाद में बेहतर उपचार के लिए जमशेदपुर स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। इलाज में कुल ₹70,000 का खर्च आया, जिसकी दावा राशि बीमा कंपनी को प्रस्तुत की गई।
हालांकि, बीमा कंपनी ने यह कहते हुए दावा खारिज कर दिया कि रूपा कुमारी ने अपनी बीमारी को छिपाया था, इसलिए राशि का भुगतान नहीं किया जाएगा। इसके विरोध में अतुल कुमार ने 11 मई 2024 को जिला उपभोक्ता आयोग, चाईबासा में वाद दायर किया।
मामले की सुनवाई के बाद 23 अगस्त 2025 को आयोग के अध्यक्ष सुनील कुमार सिंह एवं सदस्य देवश्री चौधरी की पीठ ने फैसला सुनाते हुए बीमा कंपनी को ₹70,000 की पूरी दावा राशि परिवादी को लौटाने का आदेश दिया। साथ ही, मानसिक पीड़ा और असुविधा के लिए ₹25,000 का मुआवजा और ₹10,000 मुकदमा खर्च भी देने का निर्देश दिया गया।
यह फैसला उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा और बीमा कंपनियों की मनमानी पर अंकुश लगाने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।