जिला समन्वय समिति की बैठक आयोजित: उपायुक्त ने विभागीय समन्वय और समयबद्ध कार्यान्वयन पर दिया जोर

जमशेदपुर।पूर्वी सिंहभूम जिला स्थित समाहरणालय सभागार में शनिवार को उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी की अध्यक्षता में जिला समन्वय समिति की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, पेयजल, सामाजिक सुरक्षा तथा आधारभूत संरचना से जुड़ी योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की गई और संबंधित विभागों को समयबद्ध तरीके से कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए गए।
उपायुक्त ने कहा कि जिला प्रशासन की प्राथमिकता है कि कोई भी नागरिक मूलभूत सुविधाओं से वंचित न रहे। इसके लिए सभी पदाधिकारी जनहित को सर्वोपरि रखते हुए समन्वय के साथ कार्य करें और योजनाओं की सतत मॉनिटरिंग सुनिश्चित करें। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकारी योजनाएं तभी सफल मानी जाएंगी जब उसका लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे।
बैठक के दौरान उपायुक्त ने सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि 15 सितंबर से पहले जिले के चार एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों में शिक्षण कार्य प्रारंभ किया जाए। उन्होंने कहा कि बीडीओ स्थल निरीक्षण कर यह सुनिश्चित करें कि विद्यालयों में सभी आवश्यक तैयारियां समय पर पूरी हो जाएं और किसी भी कमी की पहचान कर उसका त्वरित समाधान किया जाए।
सामाजिक और धार्मिक स्थलों जैसे सरना, मसना, जाहेरस्थान तथा कब्रिस्तान के निर्माण हेतु लंबित भूमि हस्तांतरण मामलों को शीघ्रता से निष्पादित करने के निर्देश अंचल अधिकारियों को दिए गए। साथ ही कल्याण विभाग द्वारा संचालित आवासीय विद्यालयों और अस्पतालों की सेवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए भी सघन निरीक्षण और आवश्यक सुधारात्मक कदम उठाने के निर्देश दिए गए।
उपायुक्त ने यह भी कहा कि जनजातीय समुदायों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और चिकित्सा सुविधा प्रदान करना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने धरती आबा जनजातीय ग्रामीण उत्कर्ष अभियान और पीएम जनमन योजना के तहत स्वीकृत सभी योजनाओं को 2 अक्टूबर से पहले पूर्ण कराने के निर्देश संबंधित विभागों को दिए।
विद्यालयों में अध्ययनरत बच्चों के स्वास्थ्य की निगरानी हेतु हेल्थ कार्ड बनवाने और नियमित स्वास्थ्य जांच शिविर आयोजित करने की बात कही गई। उन्होंने बताया कि जिले के विभिन्न प्रखंडों में 12,373 बच्चों का बैंक खाता नहीं खुला है। इस पर त्वरित कार्रवाई करते हुए जिला शिक्षा पदाधिकारी को एलडीएम के साथ समन्वय स्थापित कर शिविर मोड में खाता खोलने का निर्देश दिया गया है।
इसके अलावा 30 सितंबर से पहले 15 गैरविद्युतीकृत विद्यालयों में बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने, दो दूरवर्ती विद्यालयों में सौर ऊर्जा आधारित विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था करने और 15 विद्यालयों में पेयजल सुविधा उपलब्ध कराने को लेकर भी ठोस कदम उठाने की बात कही गई।
बैठक में नए आंगनबाड़ी केन्द्रों के निर्माण के लिए सभी अंचल अधिकारियों को एक सप्ताह के भीतर जमीन की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया। उपायुक्त ने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्र पोषक क्षेत्र में ही स्थापित हों ताकि उनकी उपयोगिता बनी रहे। साथ ही उन्होंने सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों में बिजली, पानी और पहुंच पथ जैसी बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित करने की समीक्षा करने को कहा।
जननी और शिशु स्वास्थ्य सुरक्षा पर बल देते हुए उपायुक्त ने निर्देश दिया कि गर्भवती माताओं का पहले तिमाही में ही पंजीकरण एवं एएनसी जांच पूरी कर ली जाए। सभी गर्भवती माताओं का एमसीपी कार्ड अपडेट किया जाए ताकि टीकाकरण एवं जननी सुरक्षा योजनाओं का लाभ समय पर मिल सके। उन्होंने शिशु मृत्यु दर को शून्य तक लाने का लक्ष्य तय किया और बहरागोड़ा के कुपोषण उपचार केन्द्र में बेड ऑक्यूपेंसी बढ़ाने और गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों को चिन्हित कर भर्ती कराने के निर्देश दिए।
पेंशन योजनाओं के नॉन-डीबीटी और आधार सीडिंग से संबंधित मामलों को लेकर 26 से 29 अगस्त तक आयोजित होने वाले शिविरों के सफल संचालन हेतु प्रखंड प्रशासन को दिशा-निर्देश दिए गए। आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत संचालित आरोग्य मंदिरों में चिकित्सकों और कर्मियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने को कहा गया।
पशु शेड स्वीकृति, श्रमिक निबंधन तथा बैंक खातों से लाभुकों की योजना राशि कटौती रोकने को लेकर भी विशेष ध्यान देने की बात कही गई। सभी तकनीकी विभागों को संवेदकों और कार्यरत कर्मियों की सूची श्रम विभाग को उपलब्ध कराने को कहा गया ताकि उन्हें सरकारी योजनाओं से आच्छादित किया जा सके।
इस बैठक में उप विकास आयुक्त नागेन्द्र पासवान, अपर उपायुक्त भगीरथ प्रसाद, निदेशक एनईपी संतोष गर्ग, सिविल सर्जन डॉ. साहिर पाल, जिला आपूर्ति पदाधिकारी, डीटीओ, डीएमसी जेएनएसी, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी, जिला योजना पदाधिकारी समेत सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचल अधिकारी, तकनीकी विभागों के अभियंता तथा अन्य संबंधित पदाधिकारी उपस्थित रहे।