केंद्र सरकार के काले कानून के विरोध में झामुमो का प्रदर्शन, पुतला दहन कर जताया विरोध

चाईबासा: केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कथित “काले कानून” के खिलाफ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने रविवार को चाईबासा में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार का पुतला दहन कर नाराजगी जाहिर की। कार्यक्रम की अगुवाई झामुमो के जिला अध्यक्ष सोनाराम देवगम ने की।
प्रदर्शन को संबोधित करते हुए श्री देवगम ने कहा कि केंद्र की तानाशाही सोच देश के लोकतंत्र के लिए खतरा बन चुकी है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार विपक्षी दलों की सरकारों को अस्थिर करने के लिए कानूनों का दुरुपयोग कर रही है। उन्होंने कहा, “यह नया विधेयक एक राजनीतिक हथियार है, जिसका मकसद गैर-भाजपा सरकारों को गिराना और सत्ता पर जबरन कब्जा करना है।”
उन्होंने झारखंड का उदाहरण देते हुए कहा कि राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को झूठे मामलों में फंसाकर जेल भेजा गया, जो भाजपा की साजिश का हिस्सा था। श्री देवगम ने इसे लोकतंत्र की हत्या करार देते हुए कहा कि “देश की जनता के जनादेश का अपमान किया जा रहा है। भाजपा लोकतंत्र को समाप्त कर तानाशाही व्यवस्था थोपना चाहती है।”
उन्होंने स्पष्ट किया कि जब तक यह विधेयक वापस नहीं लिया जाता, तब तक झामुमो का आंदोलन जारी रहेगा।
प्रदर्शन में कई नेता और कार्यकर्ता रहे शामिल:
प्रदर्शन में जिला सचिव राहुल आदित्य, प्रवक्ता बुधराम लागुरी, सह सचिव विश्वनाथ बाड़ा, चंद्रमोहन बिरुआ, निसार हुसैन, मुन्ना सुंडी, सतीश सुंडी, मंजीत हांसदा, अर्जुन बानरा, नगर सचिव तहसीन आमीन, सह सचिव इम्तियाज अहमद, संयुक्त सचिव चंदू करवा, अशोक दास, लाला राउत, योगेंद्र बिरुआ, हिमांशु राय उर्फ बबलू, मनोज लागुरी, देवेंद्र बारी, कैसर परवेज, सूरज बोईपाई, सेलय दौराइबरू, बिजय सिंह बोईपाई, बीजू बोईपाई, डूबलिया बारी, दोफेदार हेस्सा, दुर्गा चरण देवगम सहित बड़ी संख्या में झामुमो कार्यकर्ता शामिल हुए।
झामुमो ने ऐलान किया है कि अगर केंद्र सरकार इस कानून को वापस नहीं लेती, तो आने वाले दिनों में और भी बड़े स्तर पर आंदोलन किए जाएंगे।