रांची : सीएनटी एक्ट उल्लंघन मामला — पूर्व मंत्री एनोस एक्का समेत 10 दोषी, शनिवार को सुनाई जाएगी सजा

रांची।आदिवासी भूमि की अवैध खरीद-बिक्री के 15 साल पुराने मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने झारखंड सरकार के पूर्व मंत्री एनोस एक्का सहित 10 लोगों को दोषी करार दिया है। इन सभी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है और आगामी शनिवार को सजा का ऐलान किया जाएगा। वहीं, साक्ष्यों के अभाव में एक आरोपी गोवर्धन बैठा को बरी कर दिया गया।
क्या है मामला?
यह मामला वर्ष 2006 से 2008 के बीच का है, जब रांची के विभिन्न इलाकों में आदिवासी जमीन की खरीद-बिक्री में सीएनटी एक्ट (छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम) का उल्लंघन किया गया। आरोप है कि एनोस एक्का ने मंत्री रहते हुए अपने पद का दुरुपयोग किया और फर्जी पतों के आधार पर अपनी पत्नी मेनन एक्का के नाम पर जमीन खरीदी। इसमें प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत सामने आई।
जांच में सामने आया कि हिनू में 22 कट्ठा, ओरमांझी में 12 एकड़, नेवरी में 4 एकड़ और चुटिया के सिरम टोली मौजा में 9 डिसमिल जमीन अवैध रूप से खरीदी गई।
झारखंड हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने 4 अगस्त 2010 को एफआईआर दर्ज की थी। जांच के बाद दिसंबर 2012 में चार्जशीट दाखिल की गई और 5 नवंबर 2019 को अदालत ने आरोप तय किए थे। 22 अगस्त 2025 को अंतिम सुनवाई के बाद कोर्ट ने आज (29 अगस्त) अपना फैसला सुनाया।
इन आरोपियों को दोषी करार दिया गया:
एनोस एक्का (पूर्व मंत्री)
मेनन एक्का (पत्नी)
कार्तिक कुमार प्रभात (तत्कालीन एलआरडीसी, रांची)
राज किशोर सिंह
फिरोज अख्तर
ब्रजेश मिश्रा
अनिल कुमार
मणिलाल महतो
परशुराम केरकेट्टा
ब्रजेश्वर महतो
अगला कदम
कोर्ट अब 30 अगस्त (शनिवार) को दोषियों की सजा का ऐलान करेगी। मामला झारखंड की राजनीतिक और प्रशासनिक व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करता है, खासकर आदिवासी जमीन की सुरक्षा को लेकर।