चाईबासा में विश्व आदिवासी दिवस समारोह की समीक्षा बैठक सम्पन्न, पारंपरिक संस्कृति को बनाए रखने पर जोर

चाईबासा: विश्व आदिवासी दिवस समारोह 2025 की सफलता के बाद सिंहभूम स्पोर्ट्स एसोसिएशन मैदान में इसकी समीक्षा बैठक सोमवार को आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता आयोजन समिति के अध्यक्ष इपिल सामड ने की। समीक्षा बैठक में आयोजन समिति के संयोजक एवं मानकी मुंडा संघ के अध्यक्ष गणेश पाट पिंगुआ की सहमति से कार्यक्रम की समग्र समीक्षा की गई।
बैठक में मौजूद सभी सदस्यों ने कार्यक्रम को सफल बताया और कहा कि यह आयोजन पिछले वर्षों की तुलना में काफी बेहतर रहा। इसकी सफलता का श्रेय आयोजन समिति, सभी पदाधिकारी, स्वयंसेवकों तथा प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग करने वाले सभी लोगों को दिया गया।
समीक्षा बैठक में लिए गए प्रमुख निर्णय:
आने वाले वर्षों में कार्यक्रम केवल मूल आदिवासी संस्कृति से जुड़े लोगों के साथ ही किया जाएगा।
कार्यक्रम स्थल पर पारंपरिक परिधान में आना अनिवार्य होगा।
कार्यक्रम की पारदर्शिता बनाए रखने हेतु कोर कमिटी का गठन कर उसे पूर्ण रूप दिया गया।
कार्यक्रम स्थल की लाइटिंग, वोलंटियर की सक्रियता और भोजन व्यवस्था को और बेहतर बनाने पर सहमति बनी।
सभी आदिवासी संगठनों को एकता में रहकर कार्य करने और परस्पर तालमेल बनाए रखने पर जोर दिया गया।
प्रस्तुत हुआ आय-व्यय विवरण
कार्यक्रम के संचालन हेतु प्राप्त राशि एवं व्यय का विस्तृत विवरण 40 से अधिक संगठनों के पदाधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत किया गया। इसमें पिछले वर्ष की जमा राशि, ऑनलाइन बचत खाता, स्टॉल, रसीद बुक और डोनेशन से प्राप्त राशि की जानकारी दी गई।
कार्यक्रम के प्रायोजक टाटा स्टील फाउंडेशन और रूंगटा स्टील को विशेष सहयोग के लिए धन्यवाद दिया गया। साथ ही, जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन की भूमिका की भी प्रशंसा की गई।
आदिवासी यंगस्टर यूनिटी कोल्हान, आदिवासी उरांव समाज, भारत आदिवासी मुंडा समाज, आदिवासी हो समाज युवा महासभा, आदिवासी हो समाज महिला महासभा, लोहरा समाज, मानकी मुंडा संघ समेत कई संगठन शामिल हुए।
बैठक में बालकिशन देवगम, जीतू लोहार, पंकज खलखो, कर्मसिंह मुंडा, विष्णु मिंज, खुदिया कुजूर, विजय बाड़ा, साधु हो बानरा, शंकर सिद्दू, सिकंदर तिरिया, बबलू बिरूवा, गब्बर सिंह हेम्ब्रम, सचिव रवि बिरूली, उपाध्यक्ष लालू कुजूर, कोषाध्यक्ष संजय लागुरी, सह संयोजक राजकमल पाट पिंगुआ और अशोक कुमार नाग सहित बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के युवा शामिल थे।
बैठक के अंत में सभी प्रतिभागियों और सहयोगकर्ताओं को धन्यवाद ज्ञापित किया गया।