महिला कॉलेज चाईबासा में फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के तहत दवा वितरण*

चाईबासा: महिला कॉलेज चाईबासा में सोमवार को फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के अंतर्गत फाइलेरिया की दवा का वितरण किया गया। यह कार्यक्रम सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चाईबासा सदर की प्रथम चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. फरहत फातमा की अध्यक्षता में आयोजित हुआ।
इस अवसर पर कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य डॉ. निवारण महथा ने कहा कि चाईबासा शहर फाइलेरिया रेड जोन के अंतर्गत आता है, इसलिए यहां विशेष सतर्कता और जागरूकता की आवश्यकता है। उन्होंने सभी छात्राओं और स्टाफ से अपील की कि वे दवा सेवन के नियमों का पालन करते हुए दवा अवश्य लें और अन्य लोगों को भी इसके लिए प्रेरित करें।
एनएसएस कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. अर्पित सुमन ने फाइलेरिया रोग के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इसके सामान्य लक्षणों में बुखार, खुजली और शरीर के विभिन्न हिस्सों—विशेषकर हाथ, पैर और जननांग—में सूजन शामिल होती है। यह रोग मच्छरों के माध्यम से फैलता है। उन्होंने कहा कि इसका इलाज एंटीपैरासिटिक दवाओं से संभव है, जबकि रोकथाम के लिए मच्छरदानी का उपयोग, कीटनाशकों का छिड़काव और सामूहिक दवा वितरण जरूरी हैं।
कार्यक्रम में कॉलेज के 150 छात्राओं और प्राध्यापकों ने दवा का सेवन किया और फाइलेरिया उन्मूलन के प्रति अपनी सहभागिता दिखाई।
यह अभियान स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाए जा रहे फाइलेरिया मुक्त भारत अभियान का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य जनसामान्य को इस रोग के प्रति जागरूक करना और इसकी रोकथाम सुनिश्चित करना है।