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समय पर बदलाव नहीं किया जाए तो परंपरा जोखिम भी बन सकती है : सीइओ, एवररेडी इंडस्ट्रीज एक्सएलआरआई में एवररेडी इंडस्ट्रीज के सीईओ अनिर्बान बनर्जी ने साझा किए ‘ट्रांसफॉर्मिंग लीगेसी’ के अनुभव

 

जमशेदपुर : एक्सएलआरआई जेवियर स्कूल ऑफ मैनेजमेंट ने पीजीडीएम (जनरल मैनेजमेंट) बैच के सहयोग से सोमवार को “ट्रांसफॉर्मिंग लीगेसी ” विषय पर एक लेक्चर सेशन का आयोजन किया. इस अवसर पर एवररेडी इंडस्ट्रीज इंडिया लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ ) अनिर्बान बनर्जी मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित थे.

सत्र का उद्देश्य छात्रों को यह समझाना था कि किस प्रकार पुरानी और प्रतिष्ठित कंपनियां लगातार बदलते व्यवसायिक परिवेश में अपनी प्रासंगिकता और विकास बनाए रख सकती हैं. श्री बनर्जी ने एवररेडी की यात्रा का उल्लेख करते हुए कहा कि परंपरा किसी भी संगठन को शक्ति देती है, लेकिन यदि समय पर बदलाव न किया जाए तो वही परंपरा जोखिम भी बन सकती है. उन्होंने जोर देकर कहा, “व्यवसाय में टिके रहना कभी भी सुनिश्चित नहीं होता, चाहे आप अग्रणी ही क्यों न हों. पुनर्निर्माण, चपलता और उपभोक्ता की बदलती पसंदों के अनुरूप निरंतर बदलाव ही सफलता की कुंजी है.”

उन्होंने एवररेडी के रूपांतरण के उदाहरण साझा किए और बताया कि कंपनी ने अपने व्यापक वितरण नेटवर्क का लाभ उठाते हुए आधुनिक उपभोक्ताओं को आकर्षित करने के लिए नए कदम उठाए हैं. विशेष रूप से उन्होंने कंपनी की सामाजिक पहल AawazUthaneyKaPower का उल्लेख किया, जिसे इंडिया साइनिंग हैंड्स के सहयोग से शुरू किया गया है. इस पहल के माध्यम से बधिर समुदाय तक उत्पादों की पहुंच आसान हुई है. श्री बनर्जी ने कहा कि यह पहल एवररेडी की ऐसी दृष्टि को दर्शाती है जो व्यवसाय के साथ-साथ समाज में सार्थक प्रभाव पैदा करती है.

सत्र के दौरान सौरभ नस्कर और जोसेफ थॉमस ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए. छात्रों ने इसे नेतृत्व, ब्रांड प्रबंधन और समावेशी व्यवसाय मॉडल को समझने की दिशा में अत्यंत उपयोगी अनुभव बताया.

कार्यक्रम के अंत में प्रो. सुनील सारंगी ने श्री बनर्जी को धन्यवाद ज्ञापित किया और उन्हें स्मृति चिह्न भेंट किया. यह आयोजन एक्सएलआरआई की उस प्रतिबद्धता को और मजबूत करता है, जिसके अंतर्गत संस्था रिस्पांसिबल लीडर को तैयार करना चाहती है, जो परंपरा, नवाचार और समावेशन को संतुलित करते हुए समाज के व्यापक हित में कार्य करें.

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