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सारंडा जंगल में बसा विजय–टू आयरन ओर माइंस की बंदी को ले मजदूरों की बैठक

 

गुवा .

झारखंड के पश्चिम सिंहभूम जिले के घने और रहस्यमयी सारंडा जंगल में बसा विजय–टू आयरन ओर माइंस अब पूरी तरह से खामोश हो गई है इस मसले को करने के लिए मजदूरों कीएक बैठक
मुखिया किरीबुरू (पूर्वी ), संयोजक जगन्नाथपुर विधानसभा सह भाजपा अनुसूचित जनजाति प्रदेश कार्य समिति सदस्य मंगल सिंह गिलुवा की अध्यक्षता में की गई । उन्होंने बताया कि बीते 17 अगस्त की मध्य रात्रि को टाटा स्टील की इस खदान की लीज खत्म हो गई और इसके साथ ही वहां काम करने वाले 800 मजदूरों की रोज़ी-रोटी भी छिन गई।पेट की आग से झुलसते घर-परिवार, मजदूर बोले – खदानें खोलो, रोजगार दो वरना पलायन ही एकमात्र विकल्प रह गया है।


आगे मुखिया मंगल सिंह गिलुवा ने बताया कि अब तक जहां सुबह–सुबह हाईवा गाड़ियों की गड़गड़ाहट सुनाई देती थी, मजदूरों के चेहरों पर पसीने के साथ उम्मीद की चमक झलकती थी, वहीं अब वीरानी पसरी है। मजदूर हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं और उनके परिवारों की रसोई में चूल्हा जलाने तक की चिंता गहरा गई है। इसमें निर्णय लिया गया कि आगामी 5 सितंबर को बराईबुरु के हाथी चौक पर शांतिपूर्ण धरना और प्रदर्शन किया जाएगा। मजदूरों की मांग साफ है – टाटा स्टील सहित क्षेत्र की सभी बंद खदानों को तत्काल खोला जाए और बेरोजगार हुए सभी मजदूरों को फिर से काम दिया जाए।“भूख ने घर-घर का चैन छीन लिया है” बैठक में शामिल मजदूरों की आंखों में आंसू थे और शब्दों में दर्द। सच्चाई यह है कि“ भूूख ने घर-घर का चैन छीन लिया है।”

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