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बीमार पत्नी संग इंसाफ की तलाश में दर-दर भटक रहे बुजुर्ग, बेटे पर लगाया घर से निकालने का आरोप

 

चक्रधरपुर। पश्चिमी सिंहभूम जिला में जीवन के संध्या काल में जहां संतान से सहारा मिलने की उम्मीद होती है, वहीं एक बुजुर्ग दंपत्ति अपने ही बेटे के खिलाफ इंसाफ की गुहार लगा रहे हैं। चक्रधरपुर शहर के झुमका मोहल्ला निवासी 65 वर्षीय अर्जुन प्रसाद साव और उनकी पत्नी शकुंतला देवी (जो ब्लड कैंसर की गंभीर बीमारी से जूझ रही हैं) ने आरोप लगाया है कि बड़े बेटे आलोक कुमार साव ने उन्हें घर से बेघर कर दिया और मारपीट भी की। मंगलवार की सुबह करीब 10 बजे दोनों पवन चौक पर धरना देकर पुलिस प्रशासन से न्याय की मांग करते रहे।

अर्जुन प्रसाद साव का कहना है कि एक वर्ष से वे और उनकी पत्नी टोकलो रोड स्थित किराए के मकान में रहने को मजबूर हैं। बीमार पत्नी का इलाज मुंबई में चल रहा है, जिसके खर्च से वे पहले ही टूट चुके हैं। बीते दिनों बेटे और बहू ने किराए के मकान तक पहुंचकर उनसे झगड़ा किया, जिसमें अर्जुन प्रसाद साव को सिर में गंभीर चोट लगी। आरोप है कि थाना जाने के बावजूद उन्हें कोई न्याय नहीं मिला।

धरना पर बैठे अर्जुन प्रसाद साव ने मांग की कि उन्हें उनके स्वअर्जित घर में रहने दिया जाए और उनकी पत्नी शकुंतला देवी के नाम पर बाजार में जो दुकान है, जिसे बड़ा बेटा चला रहा है, वह उन्हें वापस सौंप दी जाए, ताकि दुकान चलाकर पत्नी का इलाज करा सकें। करीब सात घंटे तक बारिश में धरने पर बैठने के बाद आखिरकार बुजुर्ग दंपत्ति घर लौट गए।

वहीं, इस मामले पर बेटे आलोक कुमार साव का कहना है कि वे माता-पिता के साथ ही घर में रहते हैं और कभी उन्हें घर से निकाला नहीं गया। उन्होंने दावा किया कि मां के इलाज के लिए वे और उनकी पत्नी कई बार मुंबई लेकर भी गए हैं। आलोक ने कहा कि छोटी-छोटी बातों को लेकर घर में विवाद हुआ और माता-पिता स्वयं घर छोड़कर किराए के मकान में रहने लगे।

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