अब खरपतवार की टेंशन नहीं.. खेत में करेगा खाद का काम, एक्सपर्ट ने बताया आसान उपाय

हजारीबाग:खेती में किसानों के लिए खरपतवार एक बड़ी चुनौती होती है. यह फसल के ग्रोथ को रोकने के साथ-साथ उपज को भी प्रभावित करता है. अब लेकिन इसकी टेंशन खत्म होने वाली है. कृषि वैज्ञानिक डॉ. अरविंद कुमार इसे खाद में बदलने का आसान तरीका खोज निकाला है. जिससे पैदावार में काफी बढ़ोतरी देखने को मिलेगी.
खेती में खरपतवार की समस्या हमेशा से किसानों के लिए सिरदर्द बनी रही है. खासकर मानसून के समय किसान इससे अधिक परेशान रहते हैं. खरपतवार के कारण जहां एक ओर फसलों की पैदावार प्रभावित होती है, वहीं दूसरी ओर यह खेत की मिट्टी से पोषक तत्व भी सोख लेता है.
हजारीबाग जिले में सबसे ज़्यादा गाजर घास का असर देखा जाता है. यह खरपतवार किसानों के लिए बेहद परेशानी खड़ी करता है. गाजर घास एक बेहद जिद्दी घास होता है जो हटाने के बाद भी दोबारा उग आता है.
लेकिन अब इसका भी तोड़ निकाल लिया गया है कृषि वैज्ञानिकों ने ऐसा समाधान खोजा है जिससे जिद्दी गाजर घास को खाद में बदला जा सके. इससे न केवल खेती में उपज बढ़ता है साथ ही पैदावार में भी बंपर इजाफा होता है.
इस विषय पर तरबा खरवा स्थित आईसेक्ट विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिक डॉ. अरविंद कुमार के बताते है कि देश के विभिन्न हिस्सों में गाजर घास किसानों के लिए सबसे बड़ी परेशानी है. इससे पैदावार में काफी गिरावट दर्ज की जाती है लेकिन अब किस इसका प्रयोग सीधे खाद बनाने के लिए कर सकते हैं जिससे पैदावार में सीधा इजाफा होगा.
उन्होंने आगे बताया कि गाजर घास से खाद बनाने के लिए सबसे पहले गाजर घास की छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लेना चाहिए. इसके बाद इसमें नीम की पत्तियां और गेहूं का भूसा काट कर अच्छी तरह से मिलाकर सुख लेना चाहिए.
उन्होंने आगे बताया कि इसके बाद एक टंकी बनाना है, जो लगभग 20 फीट लंबा 4 फीट चौड़ा और 3 फीट गहरी हो. किसान बंधु इसे ईंट, प्लास्टिक या बांस की मदद से तैयार कर सकते हैं. बाजार में वैकल्पिक व्यवस्था के लिए प्लास्टिक के भी बैग मिलते हैं.
उन्होंने आगे बताया कि टंकी तैयार होने के बाद सूखे मिश्रण को उसमें 6 इंच तक डालना चाहिए. फिर उसके ऊपर 1 इंच की परत मिट्टी और गोबर की इसके बाद दोबारा 6 इंच का गाजर घास मिश्रण डालना चाहिए और फिर 1 इंच मिट्टी-गोबर की परत फिर ऊपर से. यह प्रक्रिया तब तक दोहराना है जब तक टंकी पूरे तरीके से भर न जाए.
अंत में टंकी के ऊपर 6 इंच मोटी मिट्टी और जुट का बोरा और गोबर की परत डालकर उसे पुआल से ढक देना है और इसमें पानी छिड़ककर नमी बनाए रखना है. करीब 45 दिनों तक नमी बनाए रखने पर खाद पूरी तरह तैयार हो जाता है.